सरकार ने पीपीइ किट और मास्क की निर्यात नीति में किया संशोधन

नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के बीच सरकार ने पीपीइ किट और मास्क की निर्यात नीति में संशोधन किया है। इसके अनुसार सर्जिकल ड्रैप, आइसोलेशन एप्रन, सर्जिकल रैप्स और एक्स-रे गाउन के अलावा सभी श्रेणियों के पीपीई चिकित्सा कवरऑल, मेडिकल गॉगल्स,  गैर-मेडिकल / गैर-सर्जिकल के अलावा सभी मास्क मेडिकल नाइट्राइल एनबीआर दस्ताने और फेस शील्ड के निर्यात पर प्रतिबंध लागू होगा। बता दें कि इससे पहले सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के लिए पीपीइ मेडिकल कवर के निर्यात के लिए के आवेदन देने और उसकी मंजूरी की प्रक्रिया और मानदंडों में संशोधन किया था। शिपमेंट नोटिस के अनुसार निर्यातकों द्वारा जुलाई में जारी किए गए सभी अनुरोध अयोग्य पाए गए थे।


29 जून को, विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने कोरोना वायरस उपचार के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) चिकित्सा कवर के शिपमेंट की अनुमति दी थी। इसमें प्रति माह 50 लाख इकाई मासिक निर्यात कोटा रखा गया  था। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार डीजीएफटी ने नोटिस में कहा,'1 से 3 जुलाई तक प्राप्त सभी आवेदनों की जांच की गई और 29 जून को जारी किए गए ट्रेड नोटिस में दिए गए मानदंडों को कोई भी आवेदन को पूरा नहीं करते हैं। इसलिए सभी आवेदनों को निर्यात कोटा आवंटन के लिए अयोग्य पाया गया है।'



इसमें कहा गया है कि निर्यात के लिए आवेदन प्रक्रिया और मापदंड 'संशोधित' किए गए हैं और निर्यातकों को इन कवर्स के निर्यात के लिए नए ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने के लिए आमंत्रित किया गया है। जुलाई महीने के लिए, इसने कहा कि 22-24 जुलाई से दायर संशोधित मानदंडों के अनुसार निर्यात के लिए ऑनलाइन आवेदन पर विचार किया जाएगा। अगस्त से, प्रत्येक महीने के पहले दिन से तीसरे दिन तक दाखिल किए गए आवेदनों पर उस महीने के कोटा के लिए विचार किया जाएगा। निर्यात लाइसेंस की वैधता तीन महीने के लिए होगी। निर्यातक को खरीद आदेश की कॉपी प्रस्तुत करनी होगी और प्रति आयात निर्यात कोड (IEC) पर एक आवेदन पर विचार करना होगा।