
कल यानी 11 दिसंबर की शाम महाकवि सुब्रमण्यम भारती की 138वीं जयंती हैं। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय भारती महोत्सव कार्यक्रम संबोधित करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। बता दें कि पहले भी पीएम सुब्रमण्यम को याद कर चुके हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसबंर शाम 4.30 बजे अतर्राष्ट्रीय भारती महोत्सव 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, वनवासी सांस्कृतिक केंद्र द्वारा महाकवि सुब्रमण्यम भारती की 138वीं जयंती पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
सुब्रमण्यम भारती (1882-1921) ने मात्र दो दशकों के साहित्यिक जीवन में
कवि, गद्यकार, पत्रकार और देशभक्त के रूप में तमिल साहित्य ही नहीं बल्कि
तमिल लोक-मानस में भी एक नई चेतना का प्रसार किया। मात्र पांच वर्ष की
अवस्था में वह अपनी मां की स्नेहछाया से वंचित हो गए थे। उनके पिता
अनुशासनप्रिय थे, लिहाजा बालक सुब्रमण्यम को अपने समवयस्क बालकों से अधिक
घुलने-मिलने की आजादी नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपने अकेलेपन को अपने भीतर
की खोज में बदलने का काम किया।
एकांत के दिनों में सुब्रमण्यम भारती का कविता के प्रति बढ़ा प्रेम
एकांत के उन्हीं दिनों में कविता के प्रति उनके पहले प्यार बढ़ा। पिता
की नजरों से दूर रहकर वे मंदिरों के कोनों में छिपकर तमिल साहित्य का
अध्ययन किया करते थे। उन्होंने कंबन कृत तमिल रामायण रामावतारम का भी
अध्ययन किया है। पढ़ने के प्रति उनकी रुचि तो बहुत थी, पर उनका मन पाठ्य
पुस्तकों में कम, साहित्य में ज्यादा लगता था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 के स्वतंत्रता दिवस
पर तमिल कवि तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की एक तमिल कविता सुनाई थी।
उन्होंने उनकी तमिल कविता 'एलारुम एलिनेलैई एडुमनल एरिएई... थी। इसका मतलब
होता है कि भारत दुनिया के प्रत्येक बंधन से मुक्ति पाने का रास्त
दिखाएगा। तमिल कवि को महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। देशप्रेम
की भावना से ओत-प्रोत कविताएं लिखने वाले भारती भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
में भी शामिल हो चुके हैं।