पत्नी की हत्या करने वाला पति दोषी करार, 16 दिसंबर को होगी सजा पर सुनवाई

 जगजीत नगर कॉलोनी में वर्ष 2014 में हुई थी हत्या।


न्यू उस्मानपुर इलाके में 30 अक्टूबर 2014 को जगजीत नगर कॉलोनी की गली नंबर दो में बबली की उसके घर में हत्या कर दी गई थी। वारदात के वक्त पति कालीचरण घर में मौजूद था। उसके चार बच्चे घर में नहीं थे।

नई दिल्ली। पत्नी की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की अदालत ने पति को दोषी करार दिया है। उसकी सजा पर सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। न्यू उस्मानपुर इलाके में 30 अक्टूबर, 2014 को जगजीत नगर कॉलोनी की गली नंबर दो में बबली की उसके घर में हत्या कर दी गई थी। वारदात के वक्त पति कालीचरण घर में मौजूद था। उसके चार बच्चे घर में नहीं थे।

पड़ोस में रहने वाले भतीजे नीरज कुमार ने आरोप लगाया था कि चाचा कालीचरण ने उनकी चाची की हत्या की है। उनकी शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। नीरज ने पुलिस को पुलिस को बयान दिया था कि वारदात वाली सुबह गली में खड़े होकर उन्होंने चाचा कालीचरण को आवाज लगाई थी। न ही वह बाहर निकले और न दरवाजा खोला।

छत पर चढ़कर सीढ़ी के माध्यम से चाचा के घर पहुंचे तो देखा कि चाची बबली की लाश पलंग पर पड़ी हुई थी। कमरे में चूड़ियां टूटी पड़ी हुई थीं। चाची के गले में साड़ी लिपटी हुई थी। कोर्ट में गवाही के दौरान नीरज पुलिस को दिए इन बयानों पर कायम रहा, लेकिन इस बात से मुकर गया किया चाचा ने उन्हें भी मारने की धमकी दी थी।

कई गवाहों ने बयान दिया कि कालीचरण अक्सर पत्नी से झगड़ा करता था। दीवाली पर भी झगड़ा हुआ था। इस पर कालीचरण के वकील ने कोर्ट में पक्ष रखा कि उनके मुव्वकिल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वर्ष 2010 से उसका इलाज इंस्टीट्यूट आफ ह्यूमन विहैवियर एंड एलाइड साइंस (इबहास) में चला। लेकिन, वह इसके साक्ष्य पेश नहीं कर पाए। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि वारदात घर की सुरक्षित चारदीवारी के भीतर हुई। दरवाजे अंदर से बंद थे। बाहर से किसी के जबरदस्ती घर में घुसने के साक्ष्य नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील पर परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर कालीचरण को दोषी करार दिया है।