कोविड-19 वैक्सीन के लिए होगा रजिस्ट्रेशन, ऐसे काम करेगा यह एप

 कोविन-20 एप अभी किसी भी प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध नहीं है।


भारत में अभी तक किसी भी वैक्सीन उम्मीदवार को अधिकृत नहीं किया गया है लेकिन तीन वैक्सीन सामने हैं। इनमें फाइजर-बायोएनटेक ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका के जरिये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और स्वदेशी भारत बायोटेक है। सभी ने आपातकाल में इस्तेमाल के लिए आवेदन किया है।

नई दिल्‍ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 वैक्सीन वितरण की निगरानी, डाटा रखने और लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए पंजीकृत करवाने के लिए कोविन-20 नाम से डिजिटल प्लेटफार्म को विकसित किया है। इस साल की शुरुआत में ही कोविड-19 महामारी भारत के लिए चुनौती बन गई थी। उस वक्त केंद्र सरकार संक्रमण पर नजर रखने के लिए आरोग्य सेतु एप लेकर आई थी।

आरोग्य सेतु को अप्रैल में लांच किया गया था, लेकिन मार्च में ही सरकार ने स्मार्टफोन एप्लीकेशन कोविन-20 पर काम शुरू कर दिया था। इस परियोजना ने आरोग्य सेतु का आकार ले लिया। अब जब सरकार कोविड-19 के वैक्सीन कार्यक्रम की ओर बढ़ रही है, वक्त कोविन-20 का है। आइए जानते हैं कि क्या है कोविन-20 एप और यह कैसे काम करेगा।

30 करोड़ लोग प्राथमिकता समूह में : सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन कार्यक्रम के लिए लगभग 30 करोड़ लोगों को प्राथमिकता समूह के रूप में चुना है। इनमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों से करीब एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे सुरक्षाकर्मी और आवश्यक सेवाओं में शामिल लोग होंगे। करीब 27 करोड़ प्राथमिकता वाले लोगों में 50 से अधिक आयु और सह बीमारियों से पीड़ित लोग शामिल हैं।

पांच भागों में विभाजित : कोविन-20 एप को कोविड-19 वैक्सीन के पंजीकरण के लिए पांच मॉड्यूल में विभाजित किया गया है। ये एडमिनिस्टे्रटर, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन, बेनिफिशियरी एक्नालेजमेंट और रिपोर्ट हैं।

यह है उद्देश्य : केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविन-20 एप वैक्सीन कार्यक्रम पर नजर रखेगा और भारतीय नागरिकों को वैक्सीन की खुराक के लिए आवेदन की अनुमति देनी होगी। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वैक्सीन कार्यक्रम को लेकर दो महत्वपूर्ण बातें कही हैं। पहली, कोविड-19 वैक्सीन वितरण कार्यक्रम के लिए कोविन एक डिजिटल प्लेटफार्म है। यह मोबाइल एप वैक्सीन डेटा को रिकॉर्ड करेगा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का डाटाबेस बनाने की प्रक्रिया सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक उन्नत चरण में है। दूसरी ओर, उन्होंने कहा कि हर भारतीय जिसे वैक्सीन लगाने की आवश्यता होगी, उसे वैक्सीन लगाया जाएगा। कोविड-19 वैक्सीन के लिए प्राथमिकता वाले समूहों की सूची तैयार की जा रही है।

ऐसे काम करेगा कोविन-20 : जो लोग फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर नहीं हैं, वे रिपोर्ट मॉड्यूल के माध्यम से कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोविन-20 एप पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद बेनिफिशियरी एक्नालेजमेंट मॉड्यूल पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजेगा और कोविड-19 वैक्सीन कार्यक्रम वैक्सीन के वितरण और टीकाकरण का प्रबंध करेगा। प्रत्येक क्षेत्र के लिए टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाएगा। जिसका रिकॉर्ड एडमिनिस्ट्रेटिव मॉड्यूल के जरिये रखा जाएगा।

स्थानीय स्तर पर सर्वेक्षणकर्ता लाभार्थियों के स्वास्थ्य और सह बीमारियों की स्थिति का सर्वेक्षण करेंगे। जिसका डाटा कोविन-20 एप पर अपलोड किया जाएगा। जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राथमिकता तय करने और फॉलोअप में मदद मिलेगी। वैक्सीन लगने के बाद बेनिफिशियरी एक्नालेजमेंट मॉड्यूल क्यूआर कोड आधारित प्रमाण पत्र जारी करेगा। कोविन-20 एप अभी किसी भी प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध नहीं है। फिलहाल यह विकास की प्रक्रिया में है।

मिलेगा रियल टाइम डाटा : कोविन-20 की एक और विशेषता यह है कि यह कोविड-19 वैक्सीन को संग्रहित करने वाली कोल्ड-स्टोरेज सुविधाओं का रियल टाइम डाटा भेजेगा। यह सुविधा वास्तव में इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ईविन) प्रणाली का विस्तार है, जिसे सरकार ने इस साल सितंबर में लांच किया था।