किसानों के समर्थन में खुलकर उतरे अन्ना हजारे, लोकपाल की तरह ही 'जन आंदोलन' की दी चेतावनी

 सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की फाइल फोटो


पिछले कुछ महीनों में मुख्य रूप से पंजाब के हजारों किसान तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं जो उन्हें लगता है कि निजी क्षेत्र द्वारा उनकी फसलों को कम कीमतों पर खरीदने के लिए उनका शोषण किया जा सकता है।

अहमदनगर, एएनआइ। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे गुरुवार को किसान विरोध प्रदर्शनों के समर्थन में सामने आए और केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर किसानों की मांगें अनसुनी रहती है तो वह 'जन आंदोलन' की शुरुआत करेंगे। किसानों के समर्थन में अन्ना हजारे ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को 'लोकपाल आंदोलन' के दौरान हिला दिया गया था। मैं इन किसानों के विरोध को उसी तर्ज पर देखता हूं। अन्ना ने आगे कहा कि किसानों द्वारा किए गए भारत बंद के दिन मैंने रालेगण-सिद्धि में अपने गाँव में एक एक दिन का उपवास किया था। किसानों की मांगो पर मेरा पूरा समर्थन है।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, तो मैं एक बार फिर 'जन आंदोलन' के लिए बैठूंगा, जो लोकपाल आंदोलन के समान ही होगा।

बता दें कि पिछले कुछ महीनों में मुख्य रूप से पंजाब के हजारों किसान तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जो उन्हें लगता है कि निजी क्षेत्र द्वारा उनकी फसलों को कम कीमतों पर खरीदने के लिए उनका शोषण किया जा सकता है।

देश में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि किसी देश में किसान के खिलाफ कोई कानून स्वीकृत नहीं किया जा सकता है, जो कृषि पर अत्यधिक निर्भर है। अगर सरकार ऐसा करती है, तो इसके खिलाफ आंदोलन उचित है। गौरतलब है कि किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया था।