मानकों पर खरी उतरी डीआरडीओ की डिजाइन कार्बाइन, सेनाओं में की जा सकती है शामिल : रक्षा मंत्रालय

डीआरडीओ द्वारा डिजाइन की गई 5.56x30 मिमी प्रोटेक्टिव कार्बाइन ने सफलतापूर्वक परीक्षणों के अंतिम चरण में प्रवेश किया है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि डीआरडीओ की ओर से डिजाइन की गई 5.56x30 मिमी प्रोटेक्टिव कार्बाइन ने बीते सात दिसंबर को सभी मापदंडों को पूरा करते हुए सफलतापूर्वक परीक्षणों के अंतिम चरण में प्रवेश किया है। यह सेवाओं में शामिल की जा सकती है...

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि डीआरडीओ द्वारा डिजाइन की गई 5.56x30 मिमी प्रोटेक्टिव कार्बाइन ने बीते सात दिसंबर को सभी मापदंडों को पूरा करते हुए सफलतापूर्वक परीक्षणों के अंतिम चरण में प्रवेश किया है। रक्षा मंत्रालय की मानें तो गर्मियों में अत्यधिक तापमान और सर्दियों में उच्च ऊंचाई पर किए गए परीक्षणों में खरा उतरते हुए इसने अंतिम में प्रवेश किया था। इस गन के सेवाओं में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

समाचार एजेंसी एएनआइ ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि इस कार्बाइन को संयुक्त उपक्रम के तहत बनाया गया है। इसने विश्वसनीयता और सटीकता के कड़े प्रदर्शन मानदंडों को पूरा किया है। बीते दिनों समाचार एजेंसी ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ की एक और उपलब्धि के बारे में जानकारी दी थी। डीआरडीओ ने क्वांटम की डिस्ट्रिब्यूशन टेक्‍नोलॉजी के जरिए संचार करने का सफल परीक्षण किया था।

डीआरडीओ ने बुधवार को अपनी दो प्रयोगशालाओं के बीच संचार का यह परीक्षण किया था। दरअसल, रक्षा और सामरिक एजेंसियों के लिए सुरक्षित संचार दुनिया भर में महत्वपूर्ण है। क्वांटम आधारित संचार बेहद सुरक्षित माना जाता है। इससे सूचनाएं लीक होने का जोखिम नहीं होता। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद की दो प्रयोगशालाओं के बीच क्यूकेडी आधारित संचार के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी।

रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (Defence Research and Development Laboratory, DRDL) और अनुसंधान केंद्र इमारत (Research Centre Imarat, RCI) ने इस परीक्षण में हिस्सा लिया। परीक्षण के दौरान संचार की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे एक तीसरे पक्ष का पता लगाने की पद्धति का प्रदर्शन किया। रिपोर्ट के मुताबिक, परीक्षण में नियत समय की सटीकता पिकोसेकंड मापी गई।