प्रदूषण कम करने के लिए सीपीसीबी ने दिल्ली मेट्रो समेत कई एजेंसियों के लिए जारी किया निर्देश
बारिश के बाद वायु प्रदूषण में थोड़ी कमी आई थी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर  ने यह भी कहा है कि राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण का मुकाबला सभी एजेंसियों को मिलकर करना होगा तभी दिल्ली के लोगों को इससे राहत मिलेगी।

नई दिल्ली, एएनआइ। अक्टबूर महीने से ही दिल्ली-एनसीआर में बढ़ा वायु प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। दीवाली के कुछ दिन बाद हुई बारिश के बाद वायु प्रदूषण में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन इसके बाद से यह लगातार बढ़ा हुआ है। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों से निकलने वाली धूल पर लगाम लगाने के नियमों के कड़ाई से अनुपालन के लिए दिल्ली राज्य औद्योगिक विकास निगम, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली राज्य पीडब्ल्यूडी, डीडीए, सीपीडब्ल्यूडी, डीएमआरसी, एनएचएआई को निर्देश जारी किए हैं। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर  दी है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा है कि राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण का मुकाबला सभी एजेंसियों को मिलकर करना होगा, तभी दिल्ली के लोगों को इससे राहत मिलेगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 358 रहा। मंगलवार को यह 389 और सोमवार को 400 था। एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 395, गाजियाबाद का 418, ग्रेटर नोएडा का 404, गुरुग्राम का 296 और नोएडा का 394 दर्ज किया गया। गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा की हवा गंभीर, गुरुग्राम की मध्यम जबकि दिल्ली, फरीदाबाद और नोएडा की हवा बहुत खराब श्रेणी में रही।

वहीं, भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में बारिश होने की संभावना है। इससे जहां ठंड में इजाफा हो सकता है, वहीं वायु प्रदूषण में कमी आ सकती है। वहीं, सफर इंडिया का कहना है कि पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने का सिलसिला थम चुका है, सिर्फ इक्का-दुक्का लोग ही पराली जला रहे हैं। ऐसे में स्थानीय कारकों की वजह से वायु प्रदूषण में इजाफा हो सकता है। गौरतलब है कि वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ही ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (Graded response action plan) लागू है।