भारत ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस बंदरगाह को विकसित किया जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान ने अपनी सीमा से भारत से ईरान और अफगानिस्तान जाने की अनुमति देने से मना कर दिया है।
तेहरान, एजेंसी। चाबहार बंदरगाह को लेकर
उज्बेकिस्तान, ईरान और भारत के बीच आज अहम वर्चुअल बैठक होनी है। ईरान
में भारत द्वारा विकसित किए जा रहे रणनीतिक रूप से अहम चाबहार बंदरगाह का
उज्बेकिस्तान भी इस्तेमाल करना चाहता है। इस मुद्दे पर भारत, ईरान और
उज्बेकिस्तान के बीच आज पहली बार अहम बैठक होगी। ईरान के दक्षिणी तट पर
स्थित इस बंदरगाह को मध्य एशिया के लिए संपर्क के आधार के रूप में देखा जा
रहा है। बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा शनिवार को बैठक की घोषणा
की गई थी। मंत्रालय ने कहा था कि भारत, ईरान और उज्बेकिस्तान के बीच
चाबहार बंदरगाह के संयुक्त इस्तेमाल पर त्रिपक्षीय कार्य समूह की पहली बैठक
14 दिसंबर यानी आज ऑनलाइन तरीके से होगी।
चाबहार बंदरगाह पहुंचने के लिए नहीं पड़ेगी पाक की जाने की जरूरत
भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस बंदरगाह को विकसित किया जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान ने अपनी सीमा से भारत से ईरान और अफगानिस्तान जाने की अनुमति देने से मना कर दिया है। चाबहार बंदरगाह पहुंचने के लिए भारत को पाकिस्तान की सीमा में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। भारत के पश्चिमी तट से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है और इसके लिए पाकिस्तान की सीमा में जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। यह कोरिडोर 7,200 किलोमीटर लंबा है। इससे भारत, ईरान, अफगानिस्तान, अर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल की ढुलाई में तेजी आएगी।
भारत का क्षेत्रीय संपर्क मजबूत करने पर जोर
गौरतलब है कि तीनों देशों के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है, जबकि भारत उज्बेकिस्तान को इंटरनेशनल उत्तर दक्षिण ट्रांसपोर्ट कोरिडोर परियोजना में शामिल करने की पुरजोर कोशिश कर रहा था। यह कोरिडोर 7,200 किलोमीटर लंबा है, जिससे भारत, ईरान, अफगानिस्तान, अर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल की ढुलाई में तेजी आएगी।