
नई दिल्ली, संवाददाता। श्रीलंका में बीते दिनों कोरोना संक्रमण से ग्रस्त 20 दिन के शिशु की मृत्यु का मामला सामने आया है। डाबड़ी स्थित दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डा. बृजेश कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं व माताओं को सावधानी बरतने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ओपीडी में जांच कराने के लिए आने वाली महिलाओं व वार्ड में भर्ती महिलाओं को समझाया जा रहा है कि सावधानी ही कोरोना से बचाव का फिलहाल एकमात्र उपाय है। इसलिए जरूरी है कि सभी मास्क लगाएं, हाथों की समय-समय पर सफाई करें और शारीरिक दूरी का खयाल रखें।
नवजात शिशु, शिशु की माता और गर्भवती महिलाओं को इस समय अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। खान-पान का ध्यान रखें, खाने में पौष्टिक आहार, मौसमी फलों को शामिल करें। इसके अलावा निर्जलीकरण की समस्या से बचने के लिए भरपूर पानी का सेवन करें। सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन आठ गिलास पानी का सेवन बेहद जरूरी है। इसके अलावा आराम करें।
डा. बृजेश बताते हैं कि नवजात के लिए मां का दूध ही सबसे पौष्टिक होता है और रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है, इसलिए जरूरी है कि शिशु को ठीक ढंग से स्तनपान कराएं। शिशु को गोद में लेने से पहले व स्तनपान कराने से पूर्व और बाद में ठीक से हाथों को साफ करें। साथ ही मुंह पर मास्क हर हाल में लगाएं। यदि खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत है तो वह तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें और कोरोना संक्रमण की जांच कराएं।सावधानी न बरतने से मां के मुंह, छींक, खांसी से निकले सूक्ष्म नम कण बच्चे में पहुंचकर उसे संक्रमित कर सकते हैं। बच्चे के आसपास पड़ी चीजों को समय-समय पर सैनिटाइज जरूर करें। बच्चे के शौच, मूत्र, नाक के गंदे कण आदि को साफ करने से पहले भी अपने हाथ धोएं।