दिल्ली की सभी बसों में ई-टिकटिंग की योजना में हो सकती है देरी
अधिकतर बसों में जीपीएस खराब है। जिसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है।
डीटीसी और क्लस्टर बसों में मोबाइल एप से टिकट को लेकर ट्रायल जारी है। सरका ट्रायल रिपोर्ट के आधार पर जरूरी बदलाव भी कर रही है। मगर इस दौरान कुछ ऐसी तकनीकी समस्याएं भी दिख रही हैं जिनका हल देर में हो पा रहा है।

नई दिल्ली ।  दिल्ली सरकार की बसों में ई-टिकटिंग योजना के लागू होने में देरी हो सकती है। जीसीएस की समस्या के कारण यह सिस्टम सभी बसों में काम नहीं कर पा रहा है। हालांकि समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने अगले साल जनवरी में डीटीसी और क्लस्टर की सभी बसों में ई-टिक¨टग सिस्टम शुरू कर देने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अक्टूबर में आदेश दिया था। अभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में मोबाइल एप से टिकट को लेकर ट्रायल चल रहा है। सरकार हर ट्रायल रिपोर्ट के आधार पर जरूरी बदलाव भी कर रही है। मगर इस दौरान कुछ ऐसी तकनीकी समस्याएं भी दिख रही हैं जिनका हल देर में हो पा रहा है। इसमें बसों में जीपीएस का न होना या ठीक से काम न करना भी शामिल है। बताया जा रहा है कि अधिकतर बसों में जीपीएस खराब है। जिसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है या नया सिस्टम लगाया जा रहा है। अगर जल्द ही सभी बसों में जीपीएस ठीक से काम करना शुरू कर देता है तो इसके बाद इस योजना पर तेजी से काम आगे बढ़ाया जा सकेगा।बता दें कि डीटीसी की बसों में ई-टिक¨टग (कॉन्टैक्टलेस मोबाइल टिकट सिस्टम) का दायरा बढ़ाने के लिए 7 नवंबर से नए रूटों पर भी यह सिस्टम लागू किया जा चुका है। डीटीसी के मुताबिक 7 नवंबर से 8 नए रूट इसके दायरे में लाए गए थे। 7 से 30 नवंबर तक इन 8 रूटों की 72 बसों में मोबाइल टिकटिंग शुरू की गई।

इस तरह से डीटीसी की कुल 128 बसों में नवंबर के आखिर तक यह सिस्टम चलाया गया। सरकार के अनुसार मौजूदा समय में कॉन्टैक्टलेस मोबाइल टिकट सिस्टम की जरूरत है और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार अब तैयारी कर रही है कि दो महीने बाद जनवरी में डीटीसी और क्लस्टर की हर एक बस में लोगों को ई-टिकट का विकल्प दिया जाए।