भारत से क्यों जीवन भर नाराज रहे पूर्व अमेरिकी ब्रिगेडियर चक इगर

 गुरूवार की तड़के अमेरिकी पायलट चक यगर ने 97 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।


इस दिन भारतीय वायुसेना ने अमेरिकी पायलट चक इगर  का एक टू सीटर विमान पाकिस्तान के एयरबेस पर हमला करके तबाह कर दिया था। चक यगर अपने इस विमान को बहुत प्यार करते थे।

नई दिल्ली। साल 1971 दिसंबर का महीना भारत-बांग्लादेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान की ज्यादतियों से आजादी दिलाई थी। इसके अलावा एक और बड़ी वजह इस दिन को याद किए जाने के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल इस दिन भारतीय वायुसेना ने अमेरिकी पायलट चक इगरका एक टू सीटर विमान पाकिस्तान के एयरबेस पर हमला करके तबाह कर दिया था। चक यगर अपने इस विमान को बहुत प्यार करते थे, जब उनको पता चला कि भारतीय वायुसेना ने उनके विमान को नष्ट कर दिया है तभी से वो भारत से नाराज हो गए थे। अपने पूरे जीवन में इसके लिए उन्होंने भारत को कभी माफ नहीं किया। 

गुरूवार की तड़के चक इगर (Chuck Yeager) ने 97 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनकी मौत के साथ ही दुनिया ने इस घटना को भी याद किया। चक यगर अमेरिकी पायलट थे और वो अमेरिका की ओर से सैन्य सहायता सलाहकार समूह के प्रमुख के तौर पर पाकिस्तान में तैनात थे, वो पाकिस्तानी पायलेटों को विमान उड़ानें की ट्रेनिंग दे रहे थे। साल 1971 में जब भारतीय वायुसेना के पायलेटों ने पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया उससे कुछ समय पहले वहां तैनात सुरक्षाकर्मी बेस से अधिकतर विमानों को हटाने में कामयाब हो गए मगर वो दो टू सीटर विमानों को बेस से हटाकर सुरक्षित नहीं रख पाए। ये दोनों ट्रेनिंग देने वाले टू सीटर विमान थे। इनमें से एक चक यगर का पसंदीदा विमान था। वायुसेना ने जब एयरबेस पर हमला किया तो इन दोनों विमानों को टारगेट करके नष्ट कर दिया। इस बात की जानकारी जब चक यगर को हुई तो उन्हें काफी दुख हुआ। उसी के बाद से वो भारतीय वायुसेना और भारत से एक तरह से नफरत करने लगे।

चक इगर का जन्म 13 फरवरी, 1923 को हुआ था। उनका जन्म वेस्ट वर्जीनिया में यू.एस के मायरा इलाके में हुआ। उनको अक्टूबर 2012 में ध्वनि से अधिक तेज गति से विमान उड़ाने के लिए जाना जाता है। चक यगर ने इस परीक्षण के दौरान बेल एक्स -1 का इस्तेमाल किया था। चक का पहला करियर अमेरिकी सेना की वायु सेना में था। धीरे-धीरे, वह रैंक में बढ़ते गए और पी -51 मस्टैंग फाइटर पायलट बन गए।

प्रारंभिक जीवन 

उनके माता-पिता अल्बर्ट येजर और सूसी मॅई थे। वे किसान थे। उनके दो भाई हल जूनियर और रॉय थे। दो साल की उम्र में डोरिस एन उनकी बहन का निधन हो गया। पैन्सी ली उनकी दूसरी बहन हैं। चक को पहले उनके घर वाले इस नाम से बुलाते थे, ये उनका उपनाम था मगर बाद में ये नाम उनके नाम का हिस्सा बन गया। पूर्व बेसबॉल खिलाड़ी स्टीव येजर उनके चचेरे भाई हैं। फरवरी 1945 में चक इगर ने ग्लानी डिकहाउस के साथ शादी की। उन दोनों को चार बच्चे हुए। साल 1990 में उन्होंने अपनी पत्नी को खो दिया। उसके बाद उन्होंने दूसरी शादी विक्टोरिया से की।

शिक्षा 

चक ने पश्चिम वर्जीनिया में स्थित हैमलिन में हाई स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने 1914 में स्नातक किया। 1939 और 1940 के बीच, वह फोर्ट बेंजामिन जेल में स्थित नागरिक सैन्य प्रशिक्षण शिविर इंडियानापोलिस, इंडियाना में चले गए।

व्यवसाय 

1941 में अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद चक यगर यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी एयर कॉर्प्स के सदस्य बन गए। अपनी तीक्ष्ण दृष्टि के अलावा पायलट के रूप में उनकी प्राकृतिक प्रतिभा ने उन्हें उड़ान प्रशिक्षण के लिए स्वीकार किया 1943 में, उन्होंने अपनी कक्षाएं समाप्त करने के तुरंत बाद फ्लाइट ऑफिस जॉइन किया। उनका प्रारंभिक प्रशिक्षण एक लड़ाकू पायलट का था। वह 357 वें फाइटर ग्रुप के साथ था और उसने बेल पी -39 एरीकोबरा को उड़ाया।

मिला प्रमोशन 

उनके कौशल ने उन्हें 1945 तक दूसरे लेफ्टिनेंट और कप्तान के पद पर ला खड़ा किया। वह तब अमेरिका में एक परीक्षण पायलट बन गए और उन्होंने विमान की मरम्मत भी की। जब युद्ध समाप्त हो गया तो वह अमेरिकी सेना के वायु सेना -यूएसएएएफ में शामिल हो गए जहां उन्होंने एक परीक्षण पायलट और उड़ान प्रशिक्षक के रूप में कार्य किया। 

अक्टूबर 1947 में चक इगर 45,000 फीट की ऊँचाई पर बेल एक्सएस -1 को उड़ाया। 1962 में, यूएसएएफ एयरोस्पेस रिसर्च पायलट स्कूल ने उन्हें अपना पहला कमांडेंट नियुक्त किया। बाद में 1969 में, वह ब्रिगेडियर जनरल के पद तक पहुंचे। उसी समय, उन्हें 17वीं वायु सेना का उप-कमांडर बनाया गया। उसके बाद 1971 में उन्होंने 1973 तक पाकिस्तान एयरफोर्स सलाहकार के रूप में काम किया। आखिरकार, 1975 में, वह वायु सेना से सक्रिय सेवा से सेवानिवृत्त हुए।