संजय दत्त के ड्रग एडिक्शन पर खुलकर बोलीं बेटी त्रिशाला दत्त- 'इस बीमारी से हर रोज़ लड़ना पड़ता है'

 संजय दत्त और त्रिशाला दत्त। फोटो- इंस्टाग्राम

 एक यूज़र ने पूछा चूंकि वो एक साइकोलॉजिस्ट हैं तो इस नाते उनके पिता के ड्रग एडिक्शन के बारे में उनके क्या विचार हैं। इस पर त्रिशाला ने एक नोट लिखकर विस्तार से जवाब दिया। यह नोट उनकी इंस्टा स्टोरी में भी है।

नई दिल्ली। संजय दत्त की बेटी त्रिशाला दत्त ने एक इंस्टाग्राम चैट में संजय के ड्रग एडिक्शन पर खुलकर बात की। त्रिशाला से एक यूज़र ने पूछा, चूंकि वो एक साइकोलॉजिस्ट हैं तो इस नाते उनके पिता के ड्रग एडिक्शन के बारे में उनके क्या विचार हैं। इस पर त्रिशाला ने एक नोट लिखकर विस्तार से जवाब दिया। यह नोट उनकी इंस्टा स्टोरी में भी है। 

त्रिशाला ने लिखा- ''सबसे पहले आपको यह समझने की ज़रूरत है कि एडिक्शन एक लम्बी बीमारी है, जिसे ड्रग्स की तलाश से जोड़ा जा सकता है। इसके नतीजे नुकसानदायक हो सकते हैं, फिर भी इस तड़प को रोकना मुश्किल हो जाता है। ड्रग्स लेने की शुरुआत इंसान ख़ुद अपनी मर्ज़ी से करता है, लेकिन बार-बार ड्रग लेने से मस्तिष्क में बदलाव आने लगते हैं, जिनसे ड्रग एडिक्ट को ख़ुद पर नियंत्रण ख़त्म होने लगता है।

मस्तिष्क में आये यह बदलाव लम्बे समय तक रह सकते हैं। इसलिए ड्रग एडिक्शन को बार-बार आने वाली बीमारी माना जाता है। जो लोग ड्रग्स लेने की आदत छोड़ चुके हैं, वो भी कई साल बाद इसकी ओर दोबारा आकर्षित हो सकते हैं। कुछ वक़्त बाद यह आदत नहीं रह जाती, बल्कि सामान्य रहने के लिए ज़रूरत बन जाती है, क्योंकि ड्रग के इस्तेमाल से उनके दिमाग के रसायनों में बदलाव आ चुका होता है।

वो किसी नशे के लिए इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि वो सामान्य महसूस करने के लिए ऐसा करते हैं, जो वाकई दिल तोड़ने वाली बात है। ऐसे लोगों और उनके परिवारों क प्रति हमें सहानुभूति दिखाने की ज़रूरत है। जब मेरे पिता के अतीत में ड्रग यूज़ की बात आती है तो वो हमेशा रिकवरी में रहेंगे। यह वो बीमारी है, जिससे उन्हें हर रोज़ लड़ना होगा, भले ही हो इसे अब यूज़ नहीं करते हों।''

मुझे अपने पिता पर गर्व है कि उन्होंने अपनी समस्या को स्वीकार किया और मदद के लिए शुरुआत की। इसको लेकर शर्मिंदा होने की रत्तीभर भी ज़रूरत नहीं। बता दें, संजय दत्त पहले भी अपने ड्रग्स एडिक्शन को लेकर खुलकर बात करते रहे हैं, जिसके बारे में उनकी बायोपिक संजू में भी दिखाया गया था। संजय अमेरिका में रिहैब सेंटर में भी रहे थे।