
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत कोलकाता में स्थित संगठन कार्यालय पहुंच चुके हैं। इस दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है। संघ की ओर से बताया गया कि भागवत दो दिनों तक कोलकाता में रहेंगे। इस दौरान वह राज्य के कुछ युवा प्रतिभाओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि दो दिन पहले बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक राजनीति गरमाई हुई है, ऐसे में भागवत के दौरे से बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की बेचैनी और बढ़ सकती है।
जानकारी के मुताबिक अगस्त, 2019 के बाद से अब तक यह भागवत की यह पांचवीं बंगाल यात्रा है। वहीं, इस साल उनकी दूसरी यात्रा है। उनका ध्येय संगठन को ब्लॉक स्तर पर मजबूत करना है। इससे पहले वह 2019 में तीन बार एक अगस्त, 31 अगस्त,19 सिंतबर और 2020 में 22 सिंतबर को बंगाल की यात्रा कर चुके हैं।अपने हर दौरे में भागवत संगठन को ब्लॉक स्तर पर मजबूत करने का मंत्र देते रहे हैं। दरअसल बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भागवत भाजपा की जमीन तैयार करने के लिए बार-बार बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं। इधर, संघ सूत्रों का कहना है कि इस दौरे में भागवत स्पेस रिसर्च, नासा, माइक्रोबायोलॉजी व मेडिकल साइंस के क्षेत्र में काम कर रहे बंगाल के युवा प्रतिभाओं से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा हुआ कुछ ऐसे लोगों से भी मिलेंगे जो विदेश से अपने देश में लौटकर मेक इन इंडिया अथवा आत्मनिर्भर भारत मिशन में योगदान कर रहे हैं। इन सबके अलावा भागवत सरोद वादक पंडित तेजेंद्र नारायण मजूमदार और प्रख्यात कवि, क्लासिकल सिंगर व कुछ लेखों से भी मुलाकात कर सकते हैं। वह बंगाल में अपने चुनिंदा संगठन प्रमुखों, जो कि यहां सक्रिय हैं उनके साथ बैठक भी करेंगे। गौरतलब है कि 19 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आ रहे हैं। इस दौरान वह पार्टी गतिविधियों का जायजा लेने के साथ सांगठनिक बैठक करेंगे।