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कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते बंद हुई रेल सेवाएं अभी भी पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई हैं। भारतीय रेलवे की मानें तो 65 फीसद से ज्यादा ट्रेनों का संचालन हो रहा है। पूरी तरह रेल सेवाएं कब तक बहाल हो पाएंगी भारतीय रेलवे ने इसे स्पष्ट किया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते बंद हुई रेल सेवाएं अभी भी पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई हैं। भारतीय रेलवेकी मानें तो 65 फीसद से ज्यादा ट्रेनों का संचालन हो रहा है। पूरी तरह रेल सेवाएं कब तक बहाल हो पाएंगी भारतीय रेलवे ने इसे स्पष्ट किया है। भारतीय रेलवे ने शनिवार को कहा कि सभी यात्री ट्रेनों के परिचालन फिर से शुरू करने के लिए कोई निश्चित तिथि निर्धारित नहीं की गई है।
रेलवे ने कहा कि सभी यात्री ट्रेनों की बहाली के लिए कोई निश्चित तारीख मुकर्रर नहीं की गई है। रेलवे क्रमबद्ध तरीके से ट्रेन सेवाओं की संख्या में इजाफा कर रहा है। पहले से ही 65 फीसद से अधिक ट्रेनें चल रही हैं। जनवरी में 250 से अधिक ट्रेनें जोड़ी गई हैं। आने वाले दिनों में और अधिक जोड़ी जाएंगी।
वहीं रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए रेलवे ने अगरतला आनंद विहार टर्मिनल स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस की रेक को अपग्रेड सुविधाओं वाले तेजस स्लीपर कोच से बदलने का निर्णय किया है। स्मार्ट फीचर्स वाले नए तेजस टाइप स्लीपर कोच उम्दा ट्रैवल एक्सपीरियंस का अनुभव कराएंगे। भारतीय रेलवे 15 फरवरी से तेजस स्लीपर कोच वाली सहूलियत शुरू करने जा रही है।
रेलवे ने यह भी कहा है कि 500 तेजस स्लीपर कोच भारतीय रेल की उत्पादन इकाइयों इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और मॉडर्न कोच फैक्ट्री में मौजूदा वित्त वर्ष में बनाए जाएंगे। इन तेजस स्लीपर कोच को धीरे-धीरे भारतीय रेल नेटवर्क की प्रीमियम लंबी दूरी की ट्रेनों में लगाया जाएगा। तेजस टाइप कोच की सभी एंट्रेंस डोर ऑटोमेटिक सेंट्रलाइज्ड है जिन्हें ट्रेन का गार्ड नियंत्रित करेगा। इन डिब्बों से लैस ट्रेन रेलवे स्टेशन से तब तक नहीं चलेगी जब तक सभी दरवाजे सही तरीके से बंद ना हो जाएं। इन डिब्बों में बायो वैक्यूम टॉयलेट की सुविधा होगी।