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नई दिल्ली । दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में 10 फरवरी की रात को बजरंग दल के कार्यकर्ता रिंकू शर्मा की हत्या को लेकर दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने एलान किया है कि मंगोलपुरी में मारे गए रिंकू शर्मा मामले में मुकदमा लड़ने के लिए परिजनों को वकील उपलब्ध कराया जाएगा और परिजनाें को आर्थिक मदद दी जाएगी।
इससे पहले शुक्रवार को रिंकू शर्मा हत्याकांड में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। AAP ने कहा है कि ऐसी कई घटनाओं से पता चलता है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने में केंद्रीय गृह मंत्रलय विफल रहा है।
आप नेता दुर्गेश पाठक ने आरोपियों को फांसी की सजा की मांग करते हुए कहा कि घटना को साम्प्रदायिक रंग देने से बचना चाहिए। वहीं, आप नेता सोमनाथ भारती ने ट्वीट कर कहा कि ‘अगर पुलिस का उपयोग जनता की सुरक्षा और अपराधियों के मन में डर बैठाने के लिए होता तो आज रिंकू हमारे बीच में होते। दोषियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए।’ आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली सरकार से चर्चा करें।
आक्रोशित भीड़ ने आरोपितों के घरों में की तोड़फोड़
वहीं, मंगोलपुरी में रहने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता रिंकू शर्मा की हत्या से स्थानीय लोगों के साथ ही हिंदू संगठनों में रोष है। इसी का नतीजा है कि शुक्रवार को आक्रोशित लोग आरोपितों की घर में तोड़फोड़ करने की कोशिश करने लगे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया, लेकिन इस हत्याकांड पर देश के कथित सेक्युलर जमात की चुप्पी पर भी लोग कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि जब किसी हिंदू की हत्या की जाती है तो ये लोग भाग खड़े होते हैं, लेकिन जब किसी मुस्लिम की मौत होती है, तो यह जमात पूरे हंिदूुओं के खिलाफ हो जाती है। यही नहीं ये लोग पुरस्कार वापसी, असहिष्णुता व देश में मुस्लिमों के लिए खतरे का माहौल होने का राग अलापने लगते हैं।