कुलदीप जेल में कर रहा था मोबाइल का इस्तेमाल, वहीं से रची थी भागने की साजिश

 

जेल में कुलदीप करता था मोबाइल का इस्तेमाल, जेल के अंदर ही रची साजिश।

दिल्ली की अतिसुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ व मंडोली जेल दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हैं। बदमाश जेल तो पहुंचते हैं लेकिन वहां रहकर वे बाहर रहने वाले अपने गुर्गो के जरिये काले धंधे को बेरोकटोक अंजाम देते हैं।

नई दिल्ली । तिहाड़ व मंडोली जेल दिल्ली पुलिस के लिए वर्षो से सिरदर्द बनी हुई हैं। पुलिस बदमाशों व आतंकियों को जेल तो भेज देती है, लेकिन वहां रहकर वे बाहर रहने वाले अपने गुर्गो के जरिये काले धंधे को बेरोकटोक अंजाम देते हैं। यही वजह है कि राजधानी में अपराध पर अंकुश लगाने में दिल्ली पुलिस नाकाम साबित होती है।

कुलदीप उर्फ फज्जा को अस्पताल से भगाने के पीछे भी मंडोली जेल में साजिश रचे जाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मुठभेड़ में मारे गए बदमाश के पास से बरामद मोबाइल में कुलदीप का नाम सेव होने व उससे बातचीत होने की पुलिस को जानकारी मिली है। इससे साफ है कि जेल में रहकर कुलदीप मोबाइल का इस्तेमाल करता था।

कुलदीप से अक्सर गिरोह के बदमाशों की बातचीत होती थी। उसी ने जेल से बाहर रहने वाले जितेंद्र उर्फ गोगी गिरोह के शूटर दीपक बाक्सर व दीपक तितर को बताया था कि उसे 25 की सुबह इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया जाएगा। उसके बाद ही दीपक बाक्सर ने उसे अस्पताल से भगाने की तैयारी शुरू कर दी थी।

यह सोनीपत हरियाणा का रहने वाला है और इस पर दिल्ली पुलिस ने दो लाख का इनाम रखा हुआ है। ऐसा बताया जा रहा है कि कुलदीप को भगाने में करीब 15 बदमाश शामिल थे। जिनमें अधिकतर नाबालिग थे। ये चार वाहनों में सवार होकर अस्पताल आए थे।कई सालों से ऐसा देखा जा रहा है कि जोखिम भरे कामों में बड़े गैंगस्टर अधिक से अधिक नाबालिग का इस्तेमाल करते हैं।