बेटी की हत्या के जुर्म में मां दोषी करार, प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देखने पर कर दिया था मासूम का मर्डर

 

बेटी की हत्या में मां और पड़ोसी दोषी करार

जब यह मामला कोर्ट में पहुंचा तो मुन्नी देवी और सुधीर ने पुलिस पर जबरदस्ती बयान पर हस्ताक्षर लेने का आरोप लगाया। सुधीर ने तो यहां तक कहा कि वह मुन्नी देवी और उसकी बेटी काजल को जानता नहीं था।

नई दिल्ली। गाजीपुर इलाके में सात साल की बच्ची की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसकी मां और पड़ोसी को दोषी करार दिया है। दिसंबर 2017 में गला रेत कर बच्ची की हत्या की गई थी। उसका शव पड़ोसी की छत पर मिला था। इस मामले में 15 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। गाजीपुर डेयरी फार्म गली नंबर-2 में रहने वाले प्रमोद कुमार की बेटी काजल अपने भाई रामू और राजा बाबू के साथ 13 दिसंबर 2017 को रात में पड़ोस में टीवी देखने गई थी। वह पड़ोसी के घर से पहले निकल गई थी, लेकिन अपने घर नहीं पहुंची थी।

बच्ची के पिता प्रमोद की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में काजल का शव उसके घर से सटी छत पर मिला था। गला रेत कर उसकी हत्या की गई थी। पुलिस का शक बच्ची की मां मुन्नी देवी पर गया था। उसकी काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) निकाल कर देखी गई तो मालूम हुआ था कि वह गाजीपुर डेयरी फार्म की गली नंबर-4 में रहने वाले सुधीर कुमार से बात करती थी।

काजल की हत्या वाले दिन तक दोनों की काफी बातें हुई हैं। इस आधार पर पुलिस ने मुन्नी देवी से पूछताछ शुरू की थी। जिसके बाद पुलिस ने दावा किया था कि मुन्नी देवी का सुधीर से अवैध संबंध है। यह दावा भी किया था कि मुन्नी देवी ने सुधीर के साथ मिलकर हत्या करने की बात कबूली है। काजल ने दोनों को साथ देख लिया था। इस कारण उसकी हत्या की गई थी। इसके बाद सुधीर की गिरफ्तारी की गई थी। हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू सुधीर के बताने पर मुन्नी देवी के घर से बरामद करना दर्शाया गया था। जिसके बाद पुलिस ने अपहरण के मुकदमे में हत्या, साक्ष्य मिटाने और आरोपितों के बीच अवैध संबंध की धाराएं जोड़ दी थीं।

जब यह मामला कोर्ट में पहुंचा तो मुन्नी देवी और सुधीर ने पुलिस पर जबरदस्ती बयान पर हस्ताक्षर लेने का आरोप लगाया। सुधीर ने तो यहां तक कहा कि वह मुन्नी देवी और उसकी बेटी काजल को जानता नहीं था। इस मामले में 27 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने मृतका की मां मुन्नी देवी और सुधीर कुमार को बच्ची का हत्या और साक्ष्य नष्ट करने का दोषी माना है। कोर्ट ने सुधीर को अवैध संबंध के आरोप से बरी किया है। अपहरण के आरोप से भी दोनों आरोपितों को मुक्त किया है।