रोहिणी सेक्टर 11 के जीएस माल में चल रहे फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़, सरगना समेत 24 लोग गिरफ्तार


आरोपित रोहिणी में बैठकर कर चोरी का हवाला देकर ब्रिटेन के लोगों को ठगते थे।

शाहबाद डेरी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर लोकेंद्र सिंह के नेतृत्व में बनाई गई टीम ने छापा मारकर काल सेंटर से 16 लाख नकद चेकबुक 45 लैपटाप पांच मोबाइल बरामद किया है। इन मोबाइल पर ब्रिटेन के नंबरों का उपयोग करके वाट्सएप चलाया जा रहा था।

नई दिल्ली, संवाददाता। बाहरी-उत्तरी जिले की शाहबाद डेरी थाना पुलिस ने शनिवार को रोहिणी सेक्टर 11 के जीएस माल में चल रहे फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। ठगी का पैसा आरोपितों तक हवाला के जरिये ही पहुंच रहा था। काल सेंटर से सरगना समेत 24 युवकों व छह युवतियों को पकड़ा गया है। आरोपित रोहिणी में बैठकर कर चोरी का हवाला देकर ब्रिटेन के लोगों को ठगते थे।

स्पेशल सेल ने पहले भी लिया था एक्शन

सरगना पीतमपुरा निवासी परविंदर उर्फ बबलू अपने तीन दोस्तों तिलक नगर निवासी गगनदीप, माडल डाउन निवासी मंथन अरोड़ा व उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के कमला नगर निवासी परमजीत के साथ मिलकर इस काल सेंटर को चलाता था। परविंदर को पिछले वर्ष नवंबर में भी प्रसाद नगर थाना क्षेत्र में काल सेंटर चलाने के मामले में दबोचा गया था। इसके अलावा स्पेशल सेल ने भी पहले ऐसे ही एक मामले में उसे गिरफ्तार किया था।

ब्रिटेन के नंबरों का उपयोग कर करते थे बदमाश

शाहबाद डेरी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर लोकेंद्र सिंह के नेतृत्व में बनाई गई टीम ने छापा मारकर काल सेंटर से 16 लाख नकद, चेकबुक, 45 लैपटाप, पांच मोबाइल बरामद किया है। इन मोबाइल पर ब्रिटेन के नंबरों का उपयोग करके वाट्सएप चलाया जा रहा था। आरोपितों ने वाट्सएप पर न्याय विभाग के नाम से प्रोफाइल बना रखी थी।

पांच लाख रुपये में खरीदा था डाटा

पूछताछ में परविंदर ने बताया कि उसने इंटरनेट के माध्यम से करीब पांच लाख रुपये में ब्रिटेन के लोगों का डाटा खरीदा था। डाटा में लोगों के मोबाइल नंबर, उनके द्वारा किए गए कर चोरी संबंधी मामलों समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां थीं। फर्जी काल सेंटर में काम करने वाले आरोपित वीओआइपी (वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल) के माध्यम से ब्रिटेन के लोगों को फोन करते थे। जब कोई फोन उठा लेता था तो आरोपित खुद को ब्रिटेन के न्याय विभाग के कर्मी के रूप में पेश करते हुए उसके खिलाफ कर चोरी करने का मामला दर्ज करवाने की बात करते थे। ऐसे में जिसने कर चोरी कर रखी होती थी वह डर जाता था और मामला रफादफा करने के नाम पर आरोपितों द्वारा बताए गए बैंक खाते में तय हुई रकम जमा करा देता है। यह खाता ब्रिटेन का ही होता था। बाद में खाते में आई आधी रकम खाताधारक रख लेता था व आधी रकम को हवाला के जरिये आरोपितों तक पहुंचा दी जाती थी।