मालगाड़ी से टकराई बच्ची, जान बचाने को ट्रेन छोड़कर भागा चालक दल

 


रविवार को मालगाड़ी के चालक दल को जान बचाने के लिए ट्रेन को खड़ी कर जंगल में भागना पड़ा।

छत्तीसगढ़ के जिला जगदलपुर में किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन के किरंदुल रेलखंड में रविवार को मालगाड़ी के चालक दल को जान बचाने के लिए ट्रेन को खड़ी कर जंगल में भागना पड़ा। घटना जगदलपुर से 87 किलोमीटर दूर डाकपाल स्टेशन के समीप की है।

जगदलपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के जिला जगदलपुर में किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन के किरंदुल रेलखंड में रविवार को मालगाड़ी के चालक दल को जान बचाने के लिए ट्रेन को खड़ी कर जंगल में भागना पड़ा। घटना जगदलपुर से 87 किलोमीटर दूर डाकपाल स्टेशन के समीप की है। सुबह करीब 10 बजे बचेली से लौह अयस्क भरकर विशाखापट्नम जा रही मालगाड़ी के सामने अचानक छह साल की एक बच्ची आ गई। बच्ची को रेलपटरी पर अचानक देख बचाने के लिए चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगाया, लेकिन बच्ची इंजन से टकरा गई। बच्ची को इलाज के लिए दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बचेली से लौह अयस्क भरकर विशाखापट्नम जा रही मालगाड़ी

घटनास्थल के समीप आबादी और नक्सल प्रभावित इलाका होने से चालक दल घटना के बाद दहशत में आ गया था। वहां लोगों को एकत्रित होते देख मारपीट के भय से मालगाड़ी छोड़कर चालक, सहचालक और गार्ड भाग गए। घटना के एक घंटे बाद सुरक्षा बल और गीदम थाना से पुलिस की टीम में घटनास्थल पहुंच गई थी। इनके पहुंचने के बाद डेढ़ घंटा बाद चालक दल पहुंचा, लेकिन घटनास्थल की बजाय डाकपाल स्टेशन में जाकर शरण ली। इस दौरान सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक मालगाड़ी जंगल में खड़ी रही। इसके चलते दोनों स्टेशनों के बीच रेल आवागमन बंद रहा।

बच्ची की हालत स्थिर

घटना के तुरंत बाद डाकपाल स्टेशन के कर्मचारियों ने एक निजी वाहन में बच्ची को इलाज के लिए 12 किलोमीटर दूर गीदम अस्पताल पहुंचाया। बाद में बेहतर इलाज के लिए बच्ची को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया है। बच्ची की हालत गंभीर है, लेकिन स्थिर है।

मां नहा रही थी, बच्ची रेलमार्ग में आ गईं

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रेलमार्ग से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित आबादी क्षेत्र की एक महिला अपनी बच्ची के साथ रेलमार्ग के किनारे खेत में स्थित डबरीनुमा जगह में नहाने आई थी। मां नहा रही थी और उसका ध्यान बच्ची की ओर नहीं था। इस बीच बच्ची खेलते-खेलते रेलपटरी तक पहुंच गई थी। ट्रेन चालक ने गाड़ी रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन ट्रेन रूकती तब तक इंजन की ठोकर से बच्ची दूर छिटककर लहुलुहान हो चुकी थी।