
पीट-पीटकर युवक की हत्या करने के बाद भी कांस्टेबल मोनू पांडव नगर थाने में ड्यूटी पर जाता रहा किसी को कानों कान खबर नहीं लगने दी कि उसने कितनी जघन्य वारदात को अंजाम दिया है। अपने विभाग की आंखों में धूल झोंक अपने गुनाह पर पर्दा डालकर ड्यूटी करता रहा।
नई दिल्ली। पीट-पीटकर युवक की हत्या करने के बाद भी कांस्टेबल मोनू पांडव नगर थाने में ड्यूटी पर जाता रहा, किसी को कानों कान खबर नहीं लगने दी कि उसने कितनी जघन्य वारदात को अंजाम दिया है। अपने विभाग की आंखों में धूल झोंक अपने गुनाह पर पर्दा डालकर ड्यूटी करता रहा, लेकिन एक वीडियो ने उसके गुनाह का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक भले ही उसकी तैनाती पांडव नगर में थी, लेकिन उसकी नजरें न्यू अशोक नगर थाने में इस मामले में होने वाली हर एक गतिविधि पर रहती थीं।
मोनू प्रतिदिन न्यू अशोक नगर थाने में अपने सहयोगियों को फोन करके थाने में दर्ज होने वाली एफआइआर की जानकारी लेता था, यहां तक कि उसे मालूम था अजित के परिवार ने थाने में गुमशुदगी की शिकायत दी है। इस शिकायत पर क्या कार्रवाई हो रही है, जांच कहां तक पहुंची, वह सब जानता था। उसे लगा कि अगर वह ड्यूटी पर नहीं आएगा तो पुलिस उसपर शक करेगी, इसलिए वह वारदात के बाद भी ड्यूटी पर आता रहा। वह वारदात स्थल पर जाकर देखता, कहां-कहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। कहीं, किसी कैमरे में कैद तो नहीं हुआ। बीच में वह कुछ दिन की छुट्टी लेकर बुलंदशहर के सैदपुर स्थित अपने घर चला गया।
उसे लगा डेढ़ महीने से ज्यादा हो चुका है, न्यू अशोक नगर पुलिस को अगर कुछ करना होता तो वह कर चुकी होती। लेकिन, उसे वीडियो की जानकारी नहीं थी, जिसके सामने आने के बाद उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मोनू अपने दोस्तों के साथ मोदीनगर स्थित गंगनहर पर अक्सर पार्टी करने के लिए जाता था। वह गंग नहर और उसके आसपास के क्षेत्र से अच्छी तरह परिचित था। अजित की हत्या के बाद वह सीधे गंगनहर पहुंचा और शव को उसमें फेंक दिया।