दिल्ली सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति से मिलेंगे भाजपा विधायक, कहा- दबाए जा रहे जनहित के मुद्दे

 



विधानसभा में विपक्ष की आवाज दबाने का लगाया आरोप।

भाजपा का कहना है कि विधानसभा के दो दिवसीय मानसून सत्र में विपक्ष को आम जनता से जुड़े मुद्दे नहीं उठाने दिए गए इसकी शिकायत राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष से की जाएगी।सत्र शुरू होने से पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होती है जिसमें विपक्ष को भी बुलाया जाता है।

नई दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी व अन्य भाजपा विधायकों ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विधानसभा के दो दिवसीय मानसून सत्र में विपक्ष को आम जनता से जुड़े मुद्दे नहीं उठाने दिए गए, इसकी शिकायत राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष से की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होती है जिसमें विपक्ष को भी बुलाया जाता है। इसी बैठक में तय किया जाता है कि विधानसभा में किन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। दिल्ली सरकार इस परंपरा का लगातार उल्लंघन कर रही है।

बिधूड़ी ने कहा कि विपक्ष ने दिल्ली की समस्याओं के बारे में चर्चा के लिए प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन उनमें से किसी पर भी चर्चा नहीं कराई गई। सरकार ने इस बार दो विधेयक पेश किए लेकिन इनकी प्रति सदस्यों को नहीं भेजी गई और न ही एजेंडा में ही इसकी सूचना दी गई। इस बार विधानसभा में विपक्ष के लिए पूरे दिन में मात्र 20 मिनट का समय तय कर दिया गया। देश में जहां भी मान्यता प्राप्त विपक्ष है तो उसके नेता के लिए सदन में बोलने का कोई समय तय नहीं किया जाता लेकिन इस मामले में पूरी तरह मनमानी की जा रही है।उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता की तरफ से जानना चाहता था कि दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य ढांचा क्यों चरमरा गया? यह चर्चा इसलिए जरूरी थी ताकि तीसरी लहर के लिए तैयारी की जा सके और गलतियों से सबक सीखा जा सके। इसके अलावा जल संकट, जल भराव, बदहाल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, स्कूलों में शिक्षकों की कमी, बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिलने, किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं करने, भारी भरकम बिजली बिल पर चर्चा चाहती थी, जिसकी अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने दिल्ली सरकार पर विधानसभा का उपयोग केंद्र सरकार की निंदा करने के लिए करने का आरोप लगाया। इस मौके पर विधायक ओमप्रकाश शर्मा, अनिल वाजपेयी, अजय महावर और अभय वर्मा भी मौजूद थे।