
लाल पत्थरों और सीमेंट से बना यह क्रासिंग देखने में आकर्षक भी हैं और लालकिला तथा चांदनी चौक की ऐतिहासिक आभा को लपेटे हुए हैं।इसके खुलने के साथ ही दिल्ली गेट से कश्मीरी गेट को जोड़ता सुभाष मार्ग का दोनों तरफ का हिस्सा यातायात के लिए खोल दिया गया है।
नई दिल्ली, संवाददाता। स्क्रैंबल क्रासिंग ने मुगलकालीन चांदनी चौक की राह को आसान बना दिया है। दिल्ली में इस तरह की यह पहली क्रासिंग है, जिसपर लालबत्ती जलते ही दोनों तरफ का यातायात रुक जाता है और पैदल यात्री आराम से सड़क पार कर लेते हैं। इससे लालकिला से चांदनी चौक पैदल आवाजाही आसान होने के साथ ही सुरक्षित भी हो गई है।
यह है इसकी खूबसूरती का कारण
लाल पत्थरों और सीमेंट से बना यह क्रासिंग देखने में आकर्षक भी हैं और लालकिला तथा चांदनी चौक की ऐतिहासिक आभा को लपेटे हुए हैं। इसके खुलने के साथ ही दिल्ली गेट से कश्मीरी गेट को जोड़ता सुभाष मार्ग का दोनों तरफ का हिस्सा भी यातायात के लिए खोल दिया गया है। इससे यहां जाम की समस्या भी काफी हद तक कम हो गई है। इसे पिछले हफ्ते शनिवार को खोला गया है। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने बताया कि इससे न सिर्फ पैदल यात्रियों को सहुलियत हो गई है। वहीं, इससे इस इलाके की खूबसूरती भी बढ़ गई है।
विशेष कोबाल स्टोन से खिल रही इसकी खूबसूरती
बता दें कि इस विशेष स्क्रैंबल क्रासिंग में विशेष कोबाल स्टोन लगाए गए हैं, जो वाहनों के लिए स्पीड ब्रेकर का काम कर रहा है। जबकि, लाल पत्थरों वाला हिस्सा पैदल यात्रियों के लिए है। इसी तरह सड़क के दोनों तरफ विशेष फुटपाथ बने हैं। यहां पैदल यात्री सड़क पार करने से पहले रूकते हैं।
विदेश में हो रहा इसका खूब इस्तेमाल
इसे लंदन के आक्सफोर्ड सर्कस डायगोनल क्रासिंग की तर्ज पर बनाया गया है, जिसका उपयोग कनाडा, आस्ट्रेलिया, जापान समेत कई मुल्कों में हो रहा है। जबकि, दिल्ली में यह पहली है। चांदनी चौक के पुनर्विकास परियोजना के तहत लाल किले के सामने तैयार स्क्रैंबल क्रासिंग, इससे पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करना सुरक्षित हो गया है