पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार का एक और 'मास्टर स्ट्रोक

 

 

Punjab Assembly Elections 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार का एक और 'मास्टर स्ट्रोक'

शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र के नए कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव पास कर दिया है। इसे पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए AAP की ओर से बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।

नई दिल्ली,  डिजिटल डेस्क। दिल्ली में लगातार तीन बार एतिहासिक जीत दर्ज कर सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बेहद गंभीर है। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में पहली बार 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा और 20 सीटों पर जीत दर्ज कर राज्य में पार्टी दूसरा बड़ा दल बनकर सामने आई। अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पछाड़कर सत्ता का सपना देख रही है। AAP का मानना कि पंजाब के लोग अकाल दल के बाद अब कांग्रेस से परेशान हैं और बदलाव के तौर पर आम आदमी पार्टी को जरूर मौका देंगे। वहीं, शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र के नए कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव पास कर दिया है। इसे पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए AAP की ओर से बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इससे पहले 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का एलान अरविंद कर चुके हैं, अब यह दूसरा मास्टर स्ट्रोक है।

अरविंद केजरीवाल संभालेंगे पंजाब चुनाव में मोर्चा

AAP के रणनीतिकार मानते हैं कि अगर पार्टा ने पंजाब में ठीक तरह से चुनाव लड़ा तो कांग्रेस को अपदस्थ पर वह सत्ता हासिल कर सकती है। इस बीच दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र के तीनों नए केंद्रीय कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव पास कर दिया है। कहा जा रहा है कि पंजाब चुनाव में संभव है कि अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार का मोर्चा संभालें। वह लगातार तीन बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बतौर मुखिया आम आदमी पार्टी को जीत दिला चुके हैं।

बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक चुके हैं। पिछले महीने AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल ने बड़ा दांव चलते हुए वादा किया कि यदि पंजाब में आम आदमी पार्टी जीत हासिल करती है तो हर परिवार को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली हर महीने दी जाएगी। अरविंद केजरीवाल ने इसके साथ यह भी एलान किया कि इससे पंजाब में 80 फीसदी लोगों को फायदा होगा और उन्हें बिजली बिल के नाम पर कोई भुगतान नहीं करना होगा। इसके साथ ही वह घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के बकाया बिलों को भी माफ करने का एलान कर चुके हैं।

खुलकर किसान आंदोलन के साथ AAP

ऐसे में आम आदमी पार्टी अब खुलकर कृषि कानूनों के विरोध के बहाने किसान आंदोलन और किसानों के साथ आ गई है। इसे पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल की ओर से मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र के नए कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव पास कर दिया है। इस मौके पर AAP विधायक जनरैल सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।

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पंजाब में दमदार तरीके से चुनाव लड़ेगी AAP

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तरह आम आदमी पार्टी पंजाब चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनाव लड़ेगी। दरअसल, पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से राजनीतिक दलों में हलचल है। खासकर किसान आंदोलन ने इस चुनाव को रोचक बना दिया है। यह वजह है कि भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में पल-पल राज्य की राजनीति में समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब में कांग्रेस का मुखिया बनना भी राजनीतिक बदलाव की एक कड़ी है। उधर,  पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 में धमाकेदार दस्तक देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भी राज्य में बदलते समीकरणों के हिसाब से जोड़ तोड़ में लगे हैं।मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी AAP

कहा जा रहा है कि इस बार आम आदमी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में की गई बड़ी भूल में सुधार कर मुख्यमंत्री चेहरे के साथ उतरने की तैयारी कर रही है। अरविंद केजरीवाल इस बाबत इशारा भी कर चुके हैं। पिछले महीने जब उनसे पूछा गया था कि  2022 के चुनाव में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा? इस पर उन्होंने कहा था 'इस संबंध में चर्चाएं जारी हैं। समय आने पर आपको इसकी जानकारी दी जाएगी।' इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तरह AAP पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ उतरेगी। इसके लिए AAP में भगवंत मान समेत कई दावेदार हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कृषि कानून की प्रतियां फाड़ चुके हैं अरविंद केजरीवाल

यहां पर यह बता देना जरूरी है कि दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान अरविंद केजरीवाल ने चर्चा के दौरान बहस करते हुए कहा था कि 70 साल के इतिहास में राज्यसभा में बगैर वोटिंग कराए पास कर दिए। यह कहते हुए सीएम केजरीवाल ने तीनों कृषि कानून की प्रति फाड़ दी थी। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा था- 'मुझे बहुत दुख हो रहा है। मगर हमारे देश का किसान सड़क पर है। मैं किसानों को नजरअंदाज नही कर सकता।' यह कहते हुए अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में तीनों केंद्रीय कृषि कानून की प्रतिया फाड़ दीं।

शुरू से तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन के साथ खड़ी है AAP

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ खड़ी है। कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर उतरे किसानों के पक्ष में अरविंद केजरीवाल सरकार ने सिंघु बॉर्डर पर वाइफाइ का इंतजाम भी किया था। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल और उनके कई मंत्री कई बार किसानों को दी जाने वाली सुख-सुविधाओं को लेकर जायजा लेते नजर आए। इतना ही नहीं, दिसंबर महीने में सदन स्थगित होने के बाद विधानसभा परिसर में AAP विधायकों ने तीनों केंद्रीय कृषि कानून की प्रतियां भी जलाईं थीं।