
वतन पर मिटने वालों का यही है सम्मान यही है बाकी निशां। लिट्टे आतंकवादी जस्सी को मार गिराने वाले जाट रेजिमेंट के बहादुर सिपाही धाराजीत सिंह चाहर की पत्नी ने शहीद स्थल और सड़क मार्ग की फिर उठाई मांग किया आक्रोश व्यक्त।
आगरा, संवाददाता। किसी ने खूब लिखा है- "शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले। वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशाँ होगा.." मगर अफसोस! ना कोई निशां बाकी है। न कोई मेला है। बस पीछे छूट गए लोगों का उदास मन अकेला है। जी हां! हम बात कर रहे हैं गांव नगला हीरा सिंह, थाना कागारोल, जनपद आगरा निवासी वीरांगना श्रीमती बृजेश देवी की। इस वीरांगना ने वीर चक्र से सम्मानित अपने शहीद पति के लिए फिर एक बार शहीद स्थल और उनके नाम पर सड़क मार्ग बनाए जाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।
उल्लेखनीय है कि जाट रेजीमेंट की फोर्थ बटालियन के वीर सिपाही धारा जीत सिंह चाहर 1988-89 में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा श्रीलंका भेजी गई भारतीय शांति सेना में शामिल थे। वे श्रीलंका के बबुनिया सेक्टर में तैनात थे। उन्होंने फोर्थ बटालियन कमांडर कर्नल विजय सिंह (विशिष्ट सेवा मेडल) और कंपनी कमांडर मेजर जे. घोषाल के नेतृत्व में अपनी टीम के साथ दुश्मन क्षेत्र बबुनिया सेक्टर में उत्तरी कमान के लीडर (लिट्टे आतंकवादी) जस्सी को उन्होंने मुठभेड़ में मार गिराया था। बाद में वह खुद भी वीरगति को प्राप्त हो गए थे। बहादुरी से भरी शहादत पर इनको केंद्र सरकार द्वारा 13 जनवरी 1989 को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
तब से 32 वर्ष गुजर गए। शहीद की पत्नी वीरांगना बृजेश देवी की आंखें तब से अपने पति के लिए शहीद स्थल की बाट जोह रही हैं, किंतु अब तक शासन-प्रशासन द्वारा उनको शहीद स्थल प्रदान नहीं किया गया है। वीरांगना बृजेश देवी ने जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया, विधायक व राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह और सांसद राजकुमार चाहर से मांग की है कि उनके गांव से निकलते ही जगनेर रोड पर शहीद स्थल और वीर शहीद के नाम पर सड़क मार्ग बनाया जाए ताकि हजारों युवाओं को अपने देश के लिए मर मिटने की प्रेरणा मिले और लोगों में देशभक्ति का जज्बा जागृत हो।