असम-मिजोरम सीमा विवादः मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने एफआइआर वापस लेने को कहा

 

असम-मिज़ोरम सीमा विवादः मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने एफआइआर वापस लेने को कहा

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने इस सीमा वीवाद को कम करने के लिए पहला कदम आगे बढ़ाया है और सोमवार को असम-मिजोरम सीमा संघर्ष के मुद्दे पर मिजोरम पुलिस को सभी आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर को वापस लेने का निर्देश दिया।

नई दिल्ली, एएनआइ। असम और मिजोरम सीमा विवाद पर चल रहे संघर्ष पर अब कुछ सुलह के संकेत नजर आ रहे हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने इस सीमा विवाद को कम करने के लिए पहला कदम आगे बढ़ाया है और सोमवार को असम-मिजोरम सीमा संघर्ष के मुद्दे पर मिजोरम पुलिस को सभी आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर को वापस लेने का निर्देश दिया।

सीमा विवाद के दौरान मिजोरम के कोलासिब जिले के वायरेंग्टे कस्बे में दोनों पक्षों के लोग और पुलिस बल सभी एक दूसरे के आमने सामने आ गए थे, जिसमे सभी के बीच संघर्ष हुआ था। जिसके बाद मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ हत्या की साजिश रचने और मिजोरम के 6 अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एफआइआर पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि वह जांच के लिए तैयार हैंं।

आपकों बता दें कि सभी आरोपियों पर 26 जुलाई के दिन एफआइआर दर्ज की गई थी, जिसे सोमवार यानी 02 अगस्त के दिन मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने वायरेंग्टे की घटना में सभी आरोपियों के खिलाफ केस वापस लेने का निर्देश दिया। इससे पहले बीते रविवार के दिन मुख्यमंत्री सरमा ने मिजोरम से राज्यसभा सांसद के वनलालवेना पर लगे एफआइआर हटाने का एलान किया थी।

गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों मुख्यमंत्रियों से की बात-

दोनों राज्यों के बीच में सीमा विवाद को चलते हुए लगभग एक सप्ताह हो गया है। विवाद के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों मुख्यमंत्रियों से शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए टेलीफोन पर बात की थी। बातचीत के बात जोरमथांगा ने रविवार को अपने ट्वीटर पर लिखा कि मिजोरम-असम सीमा के मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए हम सहमत हुए हैं।

असम पुलिस का आरोप-

सीमा विवाद में असम के 6 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके है और कई लोगों को गंभीर चोटे आई हैं। मिजोरम की तरफ से पुलिस वालों के अलावा लोग भी हिंसक झड़प में शामिल हुए थे। मिजोरम के स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मी पर पत्थरबाजी और पक्षी मारने वाले बंदूकों से फायरिंग की थी।