
आइजोल, आइएएनएस। असम-मिजोरम सीमा विवाद के बीच नेशनल हाइवे जाम के कारण दवाइयों की किल्लत को लेकर मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को लिखित तौर पर सूचित किया और उनसे मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। बता दें कि राज्य में इन दिनों कोविड-19 के लिए जरूरी दवाओं समेत अन्य कई दवाओं की कमी हो गई है क्योंकि नेशनल हाइवे 306 जाम है।
मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री ललथांगलियाना ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को अलग अलग पत्र लिखा और हालात की विस्तार से जानकारी दी। लालथंगलियाना ने बताया, 'हमें मिली जानकारी के अनुसार,असम में राज्य प्रायोजित आर्थिक नाकेबंदी लगाई गई है। आवश्यक सामान और जीवन रक्षक दवाओं की खेप लेकर आ रहे वाहन असम के धोलाई-लैलापुर इलाके में फंसे हुए हैं। हम वाहनों की आवाजाही पुन: शुरू कराने के लिये एक बार फिर केंद्र से संपर्क करेंगे।'नेशनल हाइवे 306 के जरिए ही मिजोरम असम से होते हुए देश के अन्य हिस्सों से जुड़ता है। उन्होंने बताया कि 26 जुलाई को दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद और झड़प हुई जिसके बाद असम सरकार ने 29 जुलाई को गुवाहाटी में सभी ट्रांसपोर्टरों को दोनों राज्यों के बीच गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया। इसके कारण राज्य में आने वाली आधारभूत सुविधाओं की कमी हो गई है। ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन प्लांट व कोविड टेस्ट किट की भी किल्लत हो गई है।
एक दिन पहले भी मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया था कि सीमा विवाद के बाद बराक घाटी में चलाए जा रहे नाकेबंदी अभियान के जरिये असम, मिजोरम के लिए आने वाले कोविड-19 जांच किट समेत अन्य चिकित्सा आपूर्ति को बाधित कर रहा है। हालांकि असम ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश में कोई भी संगठन फिलहाल किसी तरह की नाकेबंदी नहीं कर रहा है।
मिजोरम और असम के बीच 26 जुलाई को भड़की हिंसा के बाद से स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है! दोनों राज्यों के लोगों के बीच हिंसक झड़प के कारण नेशनल हाइवे 306 बाधित है, जो असम से होकर मिजोरम तक जाता है। इसकी वजह से मिजोरम में पेट्रोल-डीजल का भारी संकट पैदा हो गया है।