200 ड्रोन खरीदेगा केंद्र, गांवों के सर्वे और भूमि मानचित्रण का काम पूरा करने का है लक्ष्य

 

इस संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पिछले हफ्ते निविदा जारी की है

अवार्ड की अधिसूचना जारी होने के बाद दस हफ्ते के भीतर इस प्रकार के 200 यूएवी या ड्रोन की आपूर्ति करनी होगी। ड्रोन का आयात करने वाले निविदादाताओं को 12 मार्च को नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना का पालन करना होगा।

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत 200 ड्रोन खरीदने का फैसला किया है। सरकार ने वर्ष 2024 तक देश के 6.62 लाख गांवों के सर्वे और मानचित्रण का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारतीय सर्वेक्षण की तरफ से खरीदे जाने वाले ये ड्रोन ग्रामीण भारत में एकीकृत संपत्ति सत्यापन में मदद करेंगे। इस संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पिछले हफ्ते निविदा जारी की है।

निविदा के अनुसार, 'प्रोफेशनल सर्वे ग्रेड यूएवी या ड्रोन में ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस), इंटरनल मेजरमेंट यूनिट (आइएमयू) तथा सभी प्रकार के उपकरण व साफ्टवेयर के साथ आप्टिकल सेंसर का होना जरूरी है। अवार्ड की अधिसूचना जारी होने के बाद दस हफ्ते के भीतर इस प्रकार के 200 यूएवी या ड्रोन की आपूर्ति करनी होगी। ड्रोन का आयात करने वाले निविदादाताओं को 12 मार्च को नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना का पालन करना होगा।'

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर 24 अप्रैल को गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण (स्वामित्व) योजना का शुभारंभ किया था।

ड्रोन सेक्टर को बढ़ाना चाहती है केंद्र सरकार

वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आटो और ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना को मंजूदी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि सरकार भारत में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, आटो कामपोनेंट उद्योग और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है। ठाकुर ने कहा था कि इस योजना में 26,058 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अनुमान है कि 5 सालों में लगभग 47,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा और लगभग 7,60,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे।