मंदिरों को बचाने के लिए कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 पारित, कांग्रेस ने उठाए सवाल


Karnataka temple demolition: आज विधानसभा में भाजपा पर विपक्ष के हमलावर रहने की उम्मीद
विपक्ष यह संदेश देने का भी प्रयास कर रहा है कि भाजपा ने मंदिर विध्वंस के मुद्दे को लापरवाही से लिया है। मंदिर विध्वंस के मुद्दे पर हर तरफ से भारी दबाव झेल रही सत्तारूढ़ भाजपा एक नया कानून ला रही है।

बेंगलोर, एजेंसी। कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 राज्य विधानसभा में सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक संरचनाओं की रक्षा के लिए पेश किया गया है। इसपर बात करते हुए कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक कहते हैं, 'हमने मंदिरों की सुरक्षा के लिए विधेयक पेश किया। हमें सभी धर्मों की संस्थाओं की रक्षा करनी है।'

कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि बोले, 'हम कर्नाटक सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। अगर इसे पहले पेश किया जाता तो हम कुछ मुद्दों से बच सकते थे। कांग्रेस इस मुद्दे पर ड्रामा कर रही है।' बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक सरकार को मंदिरों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर घेरा है।

कर्नाटक कांग्रेस नेता एनए हैरिस ने कहा, 'उन्होंने मंदिरों को तोड़ा, अब वे कह रहे हैं कि वे उनकी रक्षा करेंगे। वे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्हें किसी भी धार्मिक ढांचे को नहीं छूना चाहिए। वोट बैंक के लिए किया जा रहा है। सब कुछ कानूनी नहीं बनाया जा सकता। उन्हें चर्चा करनी चाहिए थी।'

बता दें कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा विधानसभा में कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक 2021 पेश करने के बावजूद, विपक्ष द्वारा मंदिर विध्वंस का मुद्दा मंगलवार को सत्र में उठाया गया। भाजपा पर विपक्ष हावी दिखा। कांग्रेस मंदिरों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर हमलावर है। इसके अलावा कांग्रेस बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार पर हमला करती रही है और सिद्धारमैया ने इसे 'आपराधिक लूट' बताया है। 'आपराधिक लूट' वाक्यांश दिवंगत पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा तत्कालीन प्रधान मंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के खिलाफ उस समय की महंगाई को लेकर गढ़ा गया था।

बैलगाड़ी और साइकिल यात्रा के साथ सत्र की ऊर्जावान शुरुआत से उत्साहित विपक्ष हिंदुत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा पर हमलावर है। सिद्धारमैया, जिन्होंने नंजनगुड के पास एक मंदिर के विध्वंस का मुद्दा उठाया है, पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा को परेशान किए हुए हैं।

विपक्ष यह संदेश देने का भी प्रयास कर रहा है कि भाजपा ने मंदिर विध्वंस के मुद्दे को लापरवाही से लिया है। मंदिर विध्वंस के मुद्दे पर हर तरफ से भारी दबाव झेल रही सत्तारूढ़ भाजपा, जो हिंदुत्ववादी ताकतों के निशाने पर आ गई है, रक्षात्मक मोड पर है और इसलिए एक नया कानून बनाने की कोशिश कर रही है। सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए नए विधेयक का उद्देश्य राज्य में बने अनधिकृत पूजा स्थलों की रक्षा करना है।

यह बिना अनुमति के सार्वजनिक संपत्ति पर बने मंदिरों, चर्चों, मस्जिदों और अन्य प्रमुख धार्मिक निर्माणों सहित सभी धार्मिक केंद्रों को सुरक्षा देगा है। कैबिनेट में एक फैसले के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधेयक पेश किया। खेल के मैदानों, पार्कों, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर 2009 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य भर में अवैध धार्मिक केंद्रों की रक्षा करने की उम्मीद है। राज्य भर में 6,300 धार्मिक संरचनाओं को अवैध घोषित किया गया है। विधेयक भविष्य में सार्वजनिक स्थानों पर अवैध धार्मिक स्थलों को आने से रोकने का भी प्रयास करता है।