विश्व गैंडा दिवस पर रायमोना राष्ट्रीय उद्यान के 57 शिकारियों ने किया समर्पण

 

सभी को आजीविका में मदद के लिए 50-50 हजार रूपये प्रदान किए गए
बीटीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोरो के अनुसार 57 शिकारियों ने अपने हथियारों के साथ रायमोना राष्ट्रीय उद्यान के पास एक गांव में समर्पण कर दिया। रायमोना को राष्ट्रीय उद्यान घोषिषत किए जाने के बाद शिकारी शिकार नहीं करना चाहते थे।

कोकराझार, एजेंसी। असम के रायमोना राष्ट्रीय उद्यान के 57 शिकारियों ने बुधवार को विश्व गैंडा दिवस पर बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के समक्ष समर्पण कर दिया। सभी को आजीविका में मदद के लिए 50-50 हजार रूपये प्रदान किए गए।

बीटीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोरो के अनुसार, '57 शिकारियों ने अपने हथियारों के साथ रायमोना राष्ट्रीय उद्यान के पास एक गांव में समर्पण कर दिया। रायमोना को राष्ट्रीय उद्यान घोषिषत किए जाने के बाद शिकारी शिकार नहीं करना चाहते थे। उनके इस कदम का स्वागत करते हुए सरकार ने उनकी आजीविका का खयाल रखने का भरोसा दिया था। सरकार की योजना आगे प्रत्येक शिकारी को 1.20 लाख रपये की वित्तीय मदद देना है, ताकि वे नया कारोबार शुरू कर सकें। इन्हें रोजगार देने के लिए क्षेत्र में दो हैंडलूम फैक्टि्रयां भी लगाई जाएंगी।'

बीटीसी ने घोषणा की कि रायमोना नेशनल पार्क के पास पारंपरिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दो बुनाई समूह स्थापित किए जाएंगे। यह समुदाय आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों के पारंपरिक कौशल के संरक्षण दोनों में योगदान देगा। कार्यक्रम में आइएफएडब्ल्यू-डब्ल्यूटीआइ के सनातन डेका भी मौजूद थे।

रायमोना को इसी साल विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है। उधर, गैंडों से जुड़े मिथक को दूर करने के लिए असम के काजीरंगा नेशनल पार्क के करीब बोकाखाट में गैंडों के 2,479 सींग जलाए गए। 94 सींग को सरकार ने अध्ययन-अध्यापन कार्य के लिए सुरक्षित रखा है।