पराली जलाने का मामला: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने की बैठक, दिल्ली ने की ये मांग

 

पराली जलाने का मामला: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की सीएम खट्टर, पर्यावरण मंत्रियों से बैठक, दिल्ली ने की ये मांग
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा जिस भावना के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की परिकल्पना की गई थी वह राज्यों की कार्य योजना में परिलक्षित होता है। इस बैठक में पर्यावरण मंत्री और पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्र ने पराली मामले पर बैठक बुलाई है। पराली के जहरीले धुंए से निपटने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने आज राज्यों की बैठक बुलाई। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने पराली जलाने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात की। इस बैठक में पर्यावरण मंत्री और पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए यादव ने कहा, 'अंतर-राज्यीय और अंतर-मंत्रालयी समन्वय की आवश्यकता वाले मुद्दों पर बात रखी।'

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, 'जिस भावना के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की परिकल्पना की गई थी, वह राज्यों की कार्य योजना में परिलक्षित होता है। कार्य योजना का परिणाम राज्यों द्वारा प्रवर्तन और कार्यान्वयन की प्रभावशीलता पर महत्वपूर्ण रूप से निर्भर करेगा।'

दिल्ली के मंत्री क्या बोले?

जैसा कि हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जाहिर कर दिया है कि राजधानी में एक बार फिर पटाखों पर बैन रहेगा। इसके मद्देनजर दिल्ली की ओर से मांग की गई है कि दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में भी पटाखे नहीं फोड़े जाने चाहिए। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बैठक में हुई बातचीत के बारे में बताते हुए कहा, 'वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए, हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से एनसीआर में सीएनजी से चलने वाले सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बढ़ का अनुरोध किया है। हमने यह भी मांग की है कि पड़ोसी राज्यों में भी दिवाली के आसपास पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए।'

उन्होंने आगे कहा कि पड़ोसी राज्यों ने कहा है कि वे पराली जलाने से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर के प्रयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन कार्ययोजना में कमी है। बता दें कि हर साल पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान के फसल की कटाई के बाद किसान बचे हुए डंठल (पराली) को खेत में जला देते हैं। इससे दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण की समस्या पैदा होती है।