इस मामले में सीमलवाड़ा के पुलिस उप अधीक्षक रामेश्वरलाल का कहना है पीठ कस्बे में एक काम्प्लेक्स में किराए से रहे शिक्षक की गतिविधि की जानकारी धंबोला थानाधिकारी रमेश कटारा मिली थी। उन्हें सूचना मिली थी कि बाड़मेर से कुछ अभ्यर्थी परीक्षा आयोजित होने से चार दिन पहले ही डूंगरपुर आ चुके हैं। जिनका संपर्क शिक्षक भंवरलाल विश्नोई से है। कई दिन पहले अभ्यर्थियों के डूंगरपुर आने के बाद शिक्षक से नजदीकी की सूचना पर शिक्षक भंवरलाल विश्नोई पर शक और गहराया। इस पर उसके कमरे पर दबिश दी गई। जब उसके कमरे की तलाशी ली तो 12.17 लाख रुपये की नकदी, साढ़े सात लाख रुपये के चेक, अलग-अलग नामों के आठ आधार कार्ड जिन पर शिक्षक भंवरलाल के फोटो लगे हुए थे, बरामद किए। इसके अलावा दस अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र, अंकतालिका, ओएमआर शीट सहित अन्य कई संदिग्ध दस्तावेज मिले। जिनमें पटवारी भर्ती तथा उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़े दस्तावेज भी थे। पुलिस ने आरोपित शिक्षक को भर्ती करते हुए उसके कमरे को सील कर दिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपित जिस काम्प्लेक्स में किराए पर कमरा ले रखा था, वहां निजी कालेज का है। जो रीट का सेंटर भी है। अभी तक हुई जांच से खुलासा हुआ है कि रीट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने के एवज में वह पांच से आठ लाख रुपये लेता था। वह बनाए नकली दस्तावेजों के आधार पर अपने किसी दूसरे साथी को परीक्षा देने भेजता था।