गृह मंत्रालय ने पहली बार दी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए शाक बैटन के परीक्षण को मंजूरी

 

उपद्रवी प्रदर्शनकारियों से निपटने में किया जाएगा इस्तेमाल

गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह उपकरण नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) से प्रमाणित होना चाहिए। व्यवस्था बनाए रखने में राज्य प्रशासन की मदद के लिए तैनाती के दौरान सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बल इन शाक बैटन का इस्तेमाल करेंगे।

नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में तैनाती के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शाक बैटन के परीक्षण के ब्योरे और परीक्षण को पहली बार मंजूरी प्रदान की है।

सीएपीएफ को भेजे पत्र के मुताबिक, इन बैटंस का इस्तेमाल सुरक्षा बलों द्वारा उपद्रवी प्रदर्शनकारियों से निपटने के दौरान आत्मरक्षा और प्रतिरोधक के तौर पर किया जाएगा। ब्योरे के मुताबिक, हाथ में पकड़ने वाला यह उपकरण बैटरी चालित होना चाहिए। इसका वजन एक किलोग्राम और लंबाई 450 मिलीमीटर से 700 मिलीमीटर होगी। यह -20 से 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में काम कर सकता है और ऐसी सामग्री से निर्मित होगा जो शाक (झटकों) के असर को झेल सके। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इस्तेमाल के दौरान बैटन के सिरे पर बिजली की चिंगारी (इलेक्टि्रकल स्पार्क) दिखाई देनी चाहिए और इससे मानव त्वचा पर घाव नहीं होना चाहिए।

गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह उपकरण नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) से प्रमाणित होना चाहिए। व्यवस्था बनाए रखने में राज्य प्रशासन की मदद के लिए तैनाती के दौरान सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बल इन शाक बैटन का इस्तेमाल करेंगे। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से इन बैटन के परीक्षण के परिणाम मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए भी कहा है।