गाजियाबाद में संपत्ति हड़पने के लिए परिवार के पांच सदस्यों को उतारा मौत के घाट, भाभी से कर ली शादी

 

मुरादनगर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपित (हरी टी-शर्ट में मुख्य आरोपित लीलू)
संपत्ति हथियाने के लालच में आरोपित ने 20 साल पहले अपने बड़े भाई की हत्या की। फिर अपने भतीजे व दो भतीजियों को मौत की नींद सुला दिया और अब उसने दूसरे भतीजे की भी अपहरण कर हत्या कर दी।

मुरादनगर (गाजियाबाद)। थाना क्षेत्र के सैंथली गांव में संपत्ति हथियाने के लालच में आरोपित ने 20 साल पहले अपने बड़े भाई की हत्या की। फिर अपने भतीजे व दो भतीजियों को मौत की नींद सुला दिया और अब उसने दूसरे भतीजे की भी अपहरण कर हत्या कर दी और शव को पहासू में गंगनहर में फेंक दिया। पुलिस की छानबीन में मामला उजागर होने पर मुख्य आरोपित व उसके दो सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपित सुरेंद्र यूपी पुलिस से रिटायर है। शव की तलाश में पुलिस बुलंदशहर पुलिस से संपर्क साध रही है।

सैंथली गांव निवासी ब्रिजेश का इकलौता बेटा रेश 8 अगस्त को अचानक लापता हो गया था। कई दिन तक तलाशने के बाद भी जब उसका कोई सुराग नहीं लगा तो पिता ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस तभी से उसकी तलाश में लगी थी। लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी।

एएसपी आकाश पटेल ने बताया कि इलेक्ट्रोनिक सर्विलांस, पीडितों से बातचीत  के आधार पर ब्रिजेश के छोटे भाई लीलू की भूमिका की जांच की गई तो उसपर संदेह गहरा गया। उसके खिलाफ कई सबूत पर मिले। इसके बाद उसके हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने पूरा राज उगल दिया। आरोपित लीलू ने पुलिस को बताया कि उसने अपने भतीजे रेशू की अपने साथी सुरेंद्र, विक्रांत व उसके भांजे मुकेश व राहुल के साथ मिलकर अपहरण कर हत्या कर दी। शव को बुलंदशहर के पहासू में नहर में डाल दिया।

सुरेंद्र यूपी पुलिस में दारोगा से दो साल पहले रिटायर हुआ था। वह हापुड़ के नंगोला गांव का रहने वाला है। पुलिस ने लीलू, सुरेंद्र व राहुल निवासी उमरारे, गढ़ी थाना संभल को गिरफ्तार कर लिया। फरार आरोपित विक्रांत व मुकेश की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। 

खुला राज तो चौंक गए लोग

एसओ मुरादनगर सतीश कुमार ने बताया कि लीलू के सबसे बड़े भाई ब्रिजेश व सुधीर थे। लीलू ने करीब बीस साल पहले सुधीर की हत्या कर दी। उसके शव को नदी में फेंक दिया। सुधीर की पत्नी से उसने खुद शादी कर ली और अपनी भतीजी पायल व पारूल को अपने पास रख लिया। पायल को उसने जहर देकर मार दिया। उसके तीन साल बाद उसने पारूल की भी हत्या कर दी और कह दिया कि वह अपनी मर्जी से कहीं चली गई है। जबकि, उसने शवों को नदी में फेंक दिया था। सुधीर की पूरी संपत्ति पर उसने कब्जा कर लिया और पूरी जमीन को बेचकर प्रोपर्टी का काम शुरू कर दिया।

मकान भी उसने मुरादनगर थाने के सामने बना लिया। काफी समय से वहीं रहता था। अब उसके पास कोई संपत्ति नहीं बची थी। इसी के बाद उसने ब्रिजेश की संपत्ति पर निगाह लगा ली। करीब आठ साल पहले ब्रिजेश के बड़े बेटे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी और शव को हरनंदी में फेंक दिया। अब मौका लगते ही रेश को अपहरण कर लिया और उसकी हत्या कर दी। अब उसका अगला निशाना ब्रिजेश व उसकी पत्नी थे।

खास बात यह रही कि परिवार का नजदीकी होने के चलते किसी का भी लीलू पर शक नहीं गया। हालांकि, गांव में इस तरह की चर्चाएं होती रहती थीं। उधर, रिश्ते को शर्मशार करने वाली इस घटना से क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं।