महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में दो पेन का इस्‍तेमाल किया गया था, गहराया संदेह

 

सुसाइड नोट को लेकर कई सवाल हैं। इन सवालों का जवाब जांच के बाद ही स्‍पष्‍ट होगा।

सुसाइड नोट में दो पेन का इस्तेमाल किया गया है। इसे 13 और 20 सितंबर को काले पेन से लिखा गया। जहां शब्द कटे हैैं अथवा तारीख बदली है नीले पेन का इस्तेमाल हुआ है। आठ पेज में 25 जगह चार में 11 जगह कटिंग है।

प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरि के तथाकथित सुसाइड नोट में कई ऐसी बातें हैैं जो गहरे संदेह को जन्म दे रही हैैं। कुल 12 पन्ने के इस सुसाइड नोट को दो चक्रों में लिखा गया है। पहले आठ पेज 13 सितंबर को लिखे गए जबकि दूसरे चार पेज 20 सितंबर को। दिलचस्प यह है कि 13 सितंबर को जिन पेजों को लिखा गया, उस पर तारीख को काट कर 20 सितंबर कर दिया गया है। जांच टीम को एक बात खास तौर पर परेशान कर सकती है, वह है हरिद्वार से महंत को किया गया फोन।

सुसाइड नोट और अहम सवाल

- क्या 13 और 20 सितंबर को हरिद्वार से किसी ने फोन किया, यदि किया तो वह कौन था?

-काले पेन से लिखने के बाद नीले पेन से काट छांट कैसे की गई? क्या दो पेन थे कमरे में?

ये सवाल हैं अनुत्‍तरित

दोनों ही तिथियों में लिखे गए पेजों में इस बात का जिक्र है कि आज ही उन्हें हरिद्वार से फोन आया कि दो-तीन दिन में आनंद गिरि किसी लड़की के साथ गलत काम करते हुए उनकी फोटो लगाकर बदनाम करने के लिए वीडियो वायरल करेगा। सवाल यह उठ रहा है कि अगर 13 सितंबर को ही महंत नरेंद्र गिरि को यह बात पता चल गई तो उन्होंने सप्ताह भर तक इसका जिक्र किसी से क्यों नहीं किया?

सुसाइड नोट में आठ पेज में 25 जगह कटिंग की गई है

सुसाइड नोट में दो पेन का इस्तेमाल किया गया है। इसे 13 और 20 सितंबर को काले पेन से लिखा गया लेकिन जहां जहां शब्द कटे हैैं अथवा तारीख बदली है वहां नीले पेन का इस्तेमाल हुआ है। आठ पेज में 25 जगह कटिंग और चार पेज में 11 जगह। दोनों ही तिथियों में लिखे गए पेजों पर मौत के लिए जिम्मेदार बताए जाने वालों में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी का नाम कई जगह है।

फारेंसिक लैब ही सवालों का दे सकेगी जवाब

फोरेंसिक लैब में ही यह साफ हो पाएगा कि सुसाइड नोट नरेंद्र गिरि ने ही लिखा है अथवा किसी दूसरे ने। जिस तरह यह मामला हाईप्रोफाइल है उसमें जल्द ही रिपोर्ट आ सकती है। जिस प्रकार सुसाइड नोट में कटिंग की गई है, उससे यह भी पता चलता है कि लिखने के बाद दोबारा पढ़ा गया।