एनजीटी के आदेश पर वर्ष 2015 में लगी थी रोक। एडीए उपाध्यक्ष ने उप-निबंधक प्रथम को लिखा पत्र। एडीए कार्यालय में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण की हर सप्ताह पहुंचती हैं दो से तीन शिकायतें। समाजसेवी डीके जाेशी ने वर्ष 2014 में दायर की थी याचिका।
आगरा, संवाददाता। यमुना नदी के डूब क्षेत्र में फंसे सात प्रोजेक्ट में फिलहाल रजिस्ट्री पर लगी रोक नहीं हटेगी। कई बिल्डरों ने एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया से रोक हटाने की मांग की थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर वर्ष 2015 में रजिस्ट्री पर रोक लगी थी, तब से यह रोक चली आ रही है। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष डा. राजेंद पैंसिया ने उप-निबंधक प्रथम को रजिस्ट्री न करने के लिए कहा है। रजिस्ट्री होने पर उप-निबंधक को दोषी माना जाएगा। वहीं, एडीए कार्यालय में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण की सप्ताह में दो से तीन शिकायतें पहुंचती हैं, जिन पर कार्रवाई की जाती है या फिर भवन को सील किया जाता है।
2014 में दायर हुई थी याचिका
यमुना नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को लेकर समाजसेवी डीके जोशी ने वर्ष 2014 में एनजीटी में याचिका दायर की थी। एनजीटी के आदेश पर अब तक डूब क्षेत्र की तीन बार जांच हो चुकी है। वर्ष 2016 में डीके जोशी के निधन पर एचएस जाफरी वादी बन गए।
सात प्रोजेक्ट में हो चुकी है तोड़फोड़
डेढ़ वर्ष के भीतर एडीए की टीम ने दयालबाग स्थित सात प्रोजेक्ट में डूब क्षेत्र का हिस्सा तोड़ दिया है। राधा बल्लभ स्कूल का 700 वर्ग मीटर का हिस्सा डूब क्षेत्र में आ रहा है। स्कूल प्रशासन ने इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट में मामला विचाराधीन है।
यह हैं प्रोजेक्ट
-पुष्पांजलि हाइट्स
-तनिष्क राजश्री गार्डन
-राजश्री एस्टेट
-मंगलम एस्टेट एक्सटेंशन
-जवाहर बाग (वैभव गार्डन)
-गणपति वंडर सिटी
-कल्याणी हाइट्स