कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी नहीं देने को भारत ने बताया भेदभावपूर्ण, ब्रिटेन पर हो सकती है जवाबी कार्रवाई



कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी नहीं देने को भारत ने बताया भेदभावपूर्ण।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ब्रिटेन द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी नहीं देने के फैसले को भेदभावपूर्ण बताया है। साथ ही उन्होंने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के नए विदेश सचिव के साथ इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ब्रिटेन द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी नहीं देने के फैसले को भेदभावपूर्ण बताया है। साथ ही उन्होंने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। एक संवाददाता सम्मेलन में श्रृंगला ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के नए विदेश सचिव के समक्ष इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है। यह घटनाक्रम ब्रिटेन द्वारा जारी किए गए नए नियमों के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि भारतीयों को अभी भी बिना वैक्सीन लगवाए लोगों की तरह अनिवार्य प्रतिबंधों से गुजरना होगा और उन्हें 10 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा।

विदेश सचिव ने कहा कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को मंजूरी देने और कोविशील्ड को मान्यता न देने की ब्रिटेन की  भेदभावपूर्ण नीति के मामले को उठाया गया है। मामले पर चर्चा जारी है, लेकिन अगर वे हमें संतुष्ट नहीं करते हैं, तो हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। कोविशील्ड को मान्यता न देना एक भेदभावपूर्ण नीति है और ब्रिटेन की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को प्रभावित करती है।

विदेश सचिव ने कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा पर एक विशेष प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे बताया गया है कि कुछ आश्वासन दिए गए हैं कि इस मुद्दे को हल किया जाएगा। पीएम मोदी के साथ एक उच्च- स्तर का प्रतिनिधिमंडल दौरे पर जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और श्रृंगला सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

 बता दें कि ब्रिटेन में चार अक्टूबर से कोरोना के खतरे के स्तर के आधार पर लाल, पीली और हरी सूची वाले देशों की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सिर्फ लाल सूची रह जाएगी। इस समय भारत पीली सूची में है। इसके बाद वैक्सीन लगवा चुके भारतीयों का अनिवार्य आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाने का खर्च कम हो जाएगा। ब्रिटेन ने जिन देशों की वैक्सीन को मान्यता दी है, उसमें भारत नहीं है। यानी कोविशील्ड नाम से सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवा चुके भारतीयों को अभी भी बिना वैक्सीन लगवाए लोगों की तरह अनिवार्य प्रतिबंधों से गुजरना होगा।