सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्‍यमंत्री रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ खारिज की याचिका

 

सुप्रीम कोर्ट ने कथित कांग्रेस टूलकिट विवाद में छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका खारिज कर दी।

 कोर्ट  ने बुधवार को कथित कांग्रेस टूलकिट विवाद मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ( और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा  के ट्वीट के लिए जांच पर रोक लगाने के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका खारिज कर दी।

नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्टने कथित कांग्रेस टूलकिट विवाद मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह  और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा  के ट्वीट को लेकर जांच पर रोक लगाने के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम इसमें दखल नहीं देना चाहते हैं हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए। इस पीठ में जस्टिस सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं।

समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष अदालत ने कहा कि योग्यता के आधार पर मामले को तय करने के रास्ते में टिप्पणियों को नहीं आने दें। इसके साथ ही उच्‍चतम न्‍यायालय  ने बुधवार को अपील खारिज कर दी। आइए जानते हैं पूरा मामला क्‍या है...

दरअसल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस साल जून में रमन सिंह और संबित पात्रा को अंतरिम राहत देते हुए दो अलग-अलग आदेश जारी किए थे। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा था कि प्राथमिकी में कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक शांति पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ रहा है। यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता मालूम पड़ता है।

हाईकोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों और प्राथमिकी के मद्देनजर याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया का कोई मामला नहीं बनता है। ऐसा लग रहा है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दुर्भावना या राजनीतिक द्वेष के चलते आपराधिक कार्यवाही की गई है।

इसके बाद छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि हाईकोर्ट ने प्राथमिकी के संबंध में जांच पर रोक लगाकर रमन सिंह की ओर से मांगी गई अंतरिम राहत को मंजूर करने में गलती की है। इसके साथ ही छत्‍तीसगढ़ सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेशों को रद करने की मांग की थी। राज्‍य सरकार ने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद-226 के तहत उच्च न्यायालय की ओर से असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल दुर्लभ मामलों (Rarest of Rare Cases) में किया जाना चाहिए।