
करनाल। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के बाद किसान महापंचायत का सिलसिला चल गया है। पहले मुजफ्फरनगर और अब करनाल में महापंचायत हुई। करनाल महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आह्वान किया था। अचानक महापंचायत में राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी पहुंंचे। हालांकि सुबह तक इनके आने का कोई कार्यक्रम तय नहीं था।
किसान नेता योगेद्र यादव ने कहा, ये चुनौती दी थी सरकार ने
किसान नेता योगेंद्र यादव करीब 12 बजे महापंचायत में पहुंचे। यहां पर उन्होंने माइक संभाला। उन्होंने कहा कि किसान धैर्यवान है। उन्होंने कहा कि करनाल प्रशासन ने प्रेसवार्ता करके इंटरनेट बंंद कर दिया और किसानों को करनाल आने से रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। सरकार के आदेश का खूब पालन किया गया। ये किसानों के लिए चुनौती थी। इस चुनौती को संयुक्त किसान मोर्चा ने स्वीकार किया और रात में शीर्ष नेताओं ने बैठक कर कूच करने की तैयारी की।
मंच से दूर रहे टिकैत
राकेश टिकैत भी महापंचायत में पहुंचे। योगेंद्र के साथ टिकैत पहुंचे थे। वहां कमेटी से प्रशासन की वार्ता का फैसला लिया गया। इसमें टिकैत, गुरनाम सिंह और योगेंद्र यादव का भी नाम शामिल किया गया। इसके बाद सभी अलग-अलग लघु सचिवालय को प्रशासन से बातचीत के लिए रवाना हुए।
यहां भी दिखी दूरी
करनाल लघु सचिवालय में भी पहुंचने पर राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी में दूरी साफ नजर आ रही थी। वहां भी दोनों शीर्ष नेताओं ने आपस में कोई बातचीत नहीं की। राकेश टिकैत ने भी साढ़े दस बजे किसानों से पंचायत में पहुंचने को लेकर ट्विट किया था। ट्विट के माध्यम से करनाल पहुंचने की जानकारी दी थी।
चढ़ूनी ने महापंचायत का आह्वान किया था
बता दें कि 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज मामले में चढ़ूनी में वीडियो जारी कर हाईवे जाम करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद पूरे हरियाणा में रोड जाम कर दिया गया था। इसके बाद सात सितंबर तक अल्टीमेटम दिया था। चढ़ूनी ने कहा था कि अगर पांच तक फैसला नहीं हुआ तो सात को महापंचायत करके लघु सचिवालय घरेंगे।