29 दिनों में 28 वाहन चोरी, 41 बार जेल, फिर भी नहीं सुधरा मनीष, पढ़िए वाहन चोर और उसके गिरोह की कहानी

 

गिरोह एनसीआर से वाहन चोरी कर मथुरा और आसपास के जिलों में वाहन बेच देता था।
चार पहिया वाहन चोर 41 बार जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरा। तिहाड़ जेल से छूटते ही नए सिरे से गिरोह बना लिया। एनसीआर में ताबड़तोड़ वारदात कर 29 दिनों में 28 वाहन चुरा लिए। पुलिस ने दिल्ली निवासी गिरोह के सरगना सहित आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

दिल्ली/ मथुरा,  संवाददाता। चार पहिया वाहन चोर 41 बार जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरा। तिहाड़ जेल से छूटते ही उसने नए सिरे से गिरोह बना लिया। एनसीआर में ताबड़तोड़ वारदात कर 29 दिनों में 28 वाहन चुरा लिए। पुलिस ने दिल्ली निवासी गिरोह के सरगना सहित आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही पर पांच वाहन, दो कटे वाहन और 21 वाहनों के पा‌र्ट्स बरामद कर लिए। गिरोह एनसीआर से वाहन चोरी कर मथुरा और आसपास के जिलों में वाहन बेच देता था।

बुधवार को एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि मंगलवार रात को कोसीकलां क्षेत्र में अंतरराज्यीय वाहन चोर मनीष (बी ब्लाक कमालपुर, थाना बुराड़ी नार्थ, दिल्ली) और उसके साथी इरफान (कोसीकलां, मथुरा) को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ के बाद कोसीकलां निवासी नसीम, सलीम, अकरम और सोनू, मथुरा सदर क्षेत्र के अनीश और हाथरस के सुम्मेर को गिरफ्तार किया गया। एसएसपी ने बताया कि मनीष चार सितंबर को तिहाड़ जेल से छूटा था। चार पहिया वाहन चोरी में वो अब तक 41 बार जेल जा चुका है।

ऐसे काम करता था गिरोह

मनीष और इरफान अपने साथियों की मदद से चार पहिया वाहन चुराते थे। सलीम वाहन को बेच देता था। जिस वाहन की बिक्री नहीं होती, उसे अपने ही हाईवे स्थित गोदाम में काट कर पा‌र्ट्स बेच देता था।

उधर जंतर मंतर में बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परिक्षा के अंतिम प्रयास के अभ्यर्थियों ने प्रर्दशन किया। इनकी मांग है कि कई छात्र कोरोना संक्रमित होने से परीक्षा में बैठ नहीं पाए थे, जिससे छात्रों को अतिरिक्त अवसर देना चाहिए। प्रर्दशन में 100 से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। अभ्यर्थियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण से कई छात्रों के परिजनों का निधन हो गया था, ऐसे समय में अभ्यर्थी परीक्षा देने की स्थिति में नहीं थे।

प्रर्दशन में शामिल रोहित ने बताया कि कोरोना से मेरे दादा-दादी का निधन हो गया था। घर में सबसे बड़ा मैं ही हूं। एक तरफ परीक्षा सर पर थी और दूसरी ओर दादा-दादी का अंतिम संस्कार करना था। इस वजह से परीक्षा में बैठ नहीं पाया। प्रशासन हमें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दे रहा है। हमारी मांग है कि हमें परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए। वहीं, पल्लवी ने बताया कि परीक्षा के दौरान मेरी मां वेंटिलेटर पर थी और मेरी दादी और नानी का कोरोना संक्रमण होने से निधन हो गया था।

मैं, घर में अकेली लड़की हूं। परीक्षा में तो बैठ पाई, लेकिन अपना अच्छा प्रर्दशन नहीं दे सकी। उस समय मानसिक स्थिति काफी खराब हो चुकी थी। हमने कई वर्षों तक मेहनत की है।साकेत ने बताया कि सरकार सबको कोरोना राहत पैकेज दी रही है, लेकिन छात्रों के लिए कुछ नहीं कर रही है। यह वैश्विक महामारी है, छात्रों की शिक्षा प्रभावित रही है। कोरोना संक्रमण से हमने अपने परिजनों को खोया है। हमें अपने सपने टूटते नजर आ रहे हैं। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई, तो हम भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।