बिना राशन कार्ड वालों के घर राशन पहुंचाए दिल्ली सरकारः बिधूड़ी

 

गरीबों से हमदर्दी दिखाने की जगह सियासत कर रही है आम आदमी पार्टी
 विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में लाखों लोग राशन कार्ड के लिए आवेदन किए हैं दिल्ली सरकार को चाहिए इन लोगों को घर-घर राशन योजना के तहत राशन उपलब्ध कराए।

नई दिल्ली ]। भाजपा ने आरोप लगाया है कि घर-घर राशन पहुंचाने के नाम पर दिल्ली सरकार भ्रम फैला रही है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में लाखों लोग राशन कार्ड के लिए आवेदन किए हैं, दिल्ली सरकार को चाहिए इन लोगों को घर-घर राशन योजना के तहत राशन उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि राजधानी में 72 लाख से ज्यादा कार्ड कार्ड धारकों को नरेन्द्र मोदी सरकार राशन उपलब्ध कराती है। इन लोगों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चार किलो गेहूं दो रुपये प्रति किलो की दर से और और एक किलो चावल तीन रुपये प्रति किलो के दाम पर मुहैया कराया जाता है।

जनता में फैला रही भ्रम

इसके साथ ही कोरोना काल के दौरान पिछले डेढ़ साल से इन लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इतना ही राशन निःशुल्क मुहैया कराया जा रहा है। दिल्ली सरकार इसी राशन को अपनी योजना बताकर घर-घर राशन योजना के नाम पर लोगों के घर पहुंचाने की बात कर रही है। वह जनता में यह भ्रम फैला रहे हैं कि केंद्र सरकार उन्हें यह राशन गरीबों तक नहीं पहुंचाने दे रही जबकि सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में यह व्यवस्था है कि यह अनाज राशन की दुकानों से ही वितरित किया जा सकता है। केंद्र सरकार इस योजना पर हर महीने लगभग 250 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है।

साठ लाख से ज्यादा लोगों का नहीं बना है राशन कार्ड

उन्होंने कहा कि में 60 लाख से ज्यादा लोगों का राशन कार्ड नहीं बनाया जा रहा है। ऐसे लोगों को मुफ्त राशन देने की घोषणा दिल्ली सरकार ने की थी और कहा था कि यह राशन स्कूलों से बांटा जाएगा। यह राशन नहीं वितरित किया जा रहा है। सैकड़ों टन अनाज स्कूलों में सड़ गया। यदि दिल्ली सरकार को गरीबों के साथ हमदर्दी है तो वह इन लोगों के घर राशन पहुंचाए। इसके लिए उसे केंद्र सरकार या फिर उपराज्यपाल की अनुमति की भी जरूरत नहीं है। इस संबंध में सरकार का पक्ष लेने की कोशिश की गई, लेकिन उपलब्ध नहीं हुआ।