'पैसे का घमंड करने वालों को मिली सजा' अपने बच्चों को खोने वालों ने दी प्रतिक्रिया

 

Uphaar Fire Tragedy Verdict: 'पैसे का घमंड करने वालों को मिली सजा' अपने बच्चों को खोने वालों ने दी प्रतिक्रिया
 उपहार अग्निकांड पीड़ित एसोसिएशन की चेयरपर्सन नीलम कृष्णमूर्ति ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि निर्णय आने के बाद सही मायने में ऐसा लगा कि बच्चों को न्याय मिला है।

नई दिल्ली,  संवाददाता। तीन दशक से भी अधिक समय से पीड़ितों की तरफ से न्याय की लड़ाई लड़ने वाली उपहार अग्निकांड पीड़ित एसोसिएशन की चेयरपर्सन नीलम कृष्णमूर्ति ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि निर्णय आने के बाद सही मायने में ऐसा लगा कि बच्चों को न्याय मिला है। अपनी बेटी उन्नति और बेटे उज्ज्वल को खोने के बाद उन्हें न्याय दिलाने का वादा किया था। एक मां होने के नाते दायित्व पूरा किया और अब संतुष्टि है कि बच्चों को न्याय मिला। उनकी आत्मा को शांति मिली होगी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी सुशील अंसल और गोपाल अंसल ने व्यवस्था की खामियों का पूरा फायदा उठाने की कोशिश की। मामले को इतना लंबा चलाकर न्यायपालिका की तौहीन की गई। दोषियों ने जानबूझकर मामले को टालने की कोशिश की और बार-बार हाई कोर्ट से गुहार लगानी पड़ी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में आरोप तय हुए और इसके बाद ट्रायल नहीं चला तो हाई कोर्ट से गुहार लगाई गई। कोर्ट के आदेश पर हफ्ते में तीन दिन सुनवाई शुरू हुई। यह आदेश न होता तो अब तक सुनवाई चल रही होती और निर्णय के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ता। इस फैसले ने साबित किया कि अमीर और गरीब के लिए अगल-अलग कानून नहीं होता।

ट्रामा सेंटर का अभी भी इंतजार

आनंद निकेतन में रहने वाले नवीन साहनी ने अग्निकांड में अपनी 21 वर्षीय बेटी तारिका खोया था। उन्होंने कहा कि कम से कम यह तो साबित हुआ कि सुशील, गोपाल समेत अन्य दोषी हैं। इन्होंने हर काम अपने फायदे के लिए किया। उन्हें इस बात का भी मलाल है कि शीर्ष अदालत ने अंसल बंधुओं पर 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और इससे ट्रामा सेंटर बनना था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। वह बताते हैं कि घटना की दहशत ने मन में ऐसा घर कर लिया कि परिवार का कोई भी आज तक फिल्म देखने सिनेमाघर नहीं गया।

पैसे का घमंड करने वालों को मिली सजा

21 साल के बेटे को खोने वाले मोहन लाल सहगल कालकाजी स्थित अलकनंदा में रहते हैं। उन्होंने कहा, रुपये का घमंड रखने वालों को सजा मिली है। निश्चित तौर पर व्यवस्था की खामियों के कारण मामला लंबा चला, पर कोर्ट ने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की है।

यह है अदालत का फैसला

1997 के उपहार अग्निकांड से जुड़े सुबूतों के साथ छेड़छाड़ के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को रियल एस्टेट कारोबारी सुशील व गोपाल अंसल को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई और 2.25-2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा व अन्य दोषी पीपी बत्र और अनूप सिंह को भी सात साल जेल की सजा सुनाई थी। साथ ही तीन-तीन लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया।