अगर किसी शहर में आपका अपना घर या कोई ऐसी बिल्डिंग है जिसकी छत खाली पड़ी है तो आप उसे अपने सोर्स ऑफ इनकम के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जी हां आप अपनी खाली पड़ी छत से पैसा कमा सकते हैं।
अगर किसी शहर में आपका अपना घर या कोई ऐसी बिल्डिंग है, जिसकी छत खाली पड़ी है तो आप उसे अपने सोर्स ऑफ इनकम के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जी हां, आप अपनी खाली पड़ी छत से पैसा कमा सकते हैं। कई बिजनेस हैं, जिनके लिए आपकी खाली पड़ी छत एक मजबूत रिसोर्स के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है। यह आपकी कमाई को बढ़ाने का एक अच्छा स्रोत बन सकती है। अब अगर आप यह सोच रहे हैं कि आखिर आप अपनी छत पर ऐसा कौन सा व्यापार करें, जिससे आपकी कमाई हो, तो यह आर्टिकल आपको इसी बारे में जानकारी देने वाला है। हम आपके लिए खाली पड़ी छत पर करने वाले तीन बिजनेसेस के बारे में जानकारी लेकर आए। इन सभी बिजनेसेस के जरिए आप लाखों रुपये का कमाई कर सकते हैं।
टैरेस फार्मिंग
टैरेस फार्मिंग एक अच्छा विकल्प हो सकती है। इसके लिए आपको छत पर ग्रीन हाउस तैयार करना होगा, जहां पॉलीबैग्स में सब्जियों के पौधे लगाए जाएंगे। इनकी सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम लगाना होगा। तापमान और मॉयश्चर को कंट्रोल करने के लिए इक्विपमेंट लगा सकते हैं। जैविक खाद का इंतजाम करना होगा, इनके लिए यह अच्छा रहता है। पौधों को मच्छर या अन्य बीमारियां से बचाने के लिए कीटनाशक इस्तेमाल करें। मार्केटिंग आप सोशल मीडिया से कर सकते हैं। इसके अलावा आप शहर के कुछ होटल आदि से भी संपर्क कर सकते हैं।
सोलर प्लांट
आप अपनी खाली पड़ी छत को सोलर प्लांट में बदल सकते हैं। इससे कमाई के लिए आप अपने इलाके के डिस्कॉम से संपर्क कर सकते हैं और उसे बिजली दे सकते हैं। डिस्कॉम आपके घर पर मीटर लगा देगी, जिससे यह पता चलता रहेगा कि आपने डिस्कॉम को कितनी बिजली दी है और उसी हिसाब से आपको पेमेंट भी होगा। दिल्ली में डिस्कॉम प्रति यूनिट 5.30 रुपए के हिसाब से पैमेंट करती है। इस बिजनेस में करीब 70 से 80 हजार रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से इन्वेस्टमेंट है। आप अपने पड़ोसियों को भी बिजली बेच सकते हैं।
मोबाइल टावर
आप अपनी छत को मोबाइल कंपनियों को टावर लगाने के लिए भी किराये पर दे सकते हैं। कंपनियां आपको अच्छी रकम किराये के रूप में देती हैं। हालांकि, इसके लिए आपको आसपड़ोस के लोगों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने के साथ ही स्थानीय नगर निगम से भी पर्मिशन लेनी होगी। इसमें आपके और कंपनी के बीच एग्रीमेंट होता है और उसी आधार पर आपको किराया मिलता है।