शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य और सेवाकार्य में रत हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ



स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर आरएसएस सहित सभी अनुषांगिक संगठनों की ओर उत्सव मनाने की तैयारी। फाइल फोटो

संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर कोविड के दौरान सेवा भारती की पहल और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कुपोषण को मिटाने के लिए उनके स्तर से की गई पहल पर भी बातें होंगी।

नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बुधवार से आरंभ हुई अखिल भारतीय समन्वय बैठक में 36 आनुषांगिक संगठनों के प्रमुख सहभागिता कर रहे हैं। यह संगठन देश-विदेश में शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य और सेवाकार्य से जुड़े हैं: स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर आरएसएस सहित सभी अनुषांगिक संगठनों की ओर उत्सव मनाने की तैयारी है। इसमें गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी संग्रह कर लिपिबद्ध करना, 75 करोड़ सूर्यनमस्कार, जगह-जगह भारत माता पूजन, शोभा यात्रा निकालने आदि के कार्यक्रम तय किए गए हैं।

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान: यह शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत देश की सबसे बड़ी अशासकीय संस्था है। इसकी स्थापना 1977 में मुरलीधर दत्तात्रेय देवरस द्वारा की गई। भारतीय मजदूर संघ: 23 जुलाई 1955 को भोपाल में दत्तोपन्त ठेंगड़ी द्वारा स्थापित यह देश का सबसे बड़ा केंद्रीय मजदूर संगठन है। इसका नारा है, देश के हित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम।

भारतीय किसान संघ: इसकी स्थापना चार मार्च 1979 में दत्तोपन्त ठेंगडी ने की थी। इसका उद्देश्य भारतीय किसानों का समग्र विकास है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद: नौ जुलाई 1948 को बलराज मधोक द्वारा स्थापित अभाविप विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। इसका मूल उद्देश्य राष्ट्र का पुनर्निर्माण है।

अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद: इसकी स्थापना 1992 में दिल्ली में की गई थी। यह देश भर के अधिवक्ताओं को एक साथ लाने का मंच है।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत: 1974 में पुणे में बिन्दुमाधव जोशी द्वारा स्थापित यह संगठन उपभोक्ता अधिकारों व जागरूकता के लिए काम करता है।

संस्कार भारती: ललित कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय चेतना जागृत करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना वर्ष 1981 में लखनऊ में की गई।

सेवा भारती: 1979 में स्थापित संघ का यह प्रकल्प मुख्यत: आदिवासी क्षेत्रों में कार्य करता है। शिक्षा, संस्कार, स्वरोजगार और मतांतरण से रक्षा आदि इसके प्रमुख कार्य हैं।

लघु उद्योग भारती: भारत में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए काम करने वाली संस्था के रूप में पंजीकृत है। 1994 में स्थापना हुई।

क्रीड़ा भारती: 1992 में क्रीड़ा से निर्माण चरित्र का, चरित्र से निर्माण राष्ट्र का ध्येय वाक्य लेकर इसकी स्थापना की गई। युवाओं को शारीरिक व मानसिक खेलों का प्रशिक्षण देती है।

संस्कृत भारती: संस्कृत को पुन: बोलचाल की भाषा बनाने के लिए कार्य करने वाली सांस्कृतिक संस्था। 1996 में स्थापना हुई।

विज्ञान भारती: 1992 में जबलपुर में स्थापित यह संस्था स्वदेशी विज्ञान के विकास के लिए कार्य करती है।

भारत विकास परिषद: यह सभी क्षेत्रों में भारत के एक राष्ट्र के रूप में विकास पर काम करने वाली संस्था है। 1963 में स्थापना की गई।

विश्व हिंदू परिषद: इसकी स्थापना 1964 में मुंबई में की गई। इसका ध्येय वाक्य है, जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।

स्वदेशी जागरण मंच: यह संघ का आर्थिक संगठन है और स्वदेशी उद्योगों और संस्कृति के विकास के लिए जागरूक करता है।

भारत प्रकाशन समूह: संघ के द्वारा प्रकाशित कई पुस्तकों व साहित्य से जुड़ा संगठन।

दीनदयाल शोध संस्थान: 1972 में नानाजी देशमुख ने ग्रामीण विकास से जुड़ी इस संस्था की स्थापना की। पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को फलीभूत करना इसका उद्देश्य है।

सहकार भारती: देश के विकास में सहकारिता के भाव को मजबूत करने और इसका प्रचार प्रसार करने का काम इस संगठन के पास है।

राष्ट्रीय सिख संगत: 1986 में स्थापित यह संस्था गुरु ग्रंथ साहब के संदेशों को पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचारित करने का कार्य करती है।

हिंदू जागरण मंच: यह भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक आनुषांगिक संगठन है।

सक्षम: देश में दिव्यांगों के कल्याण का उद्देश्य लेकर इस संगठन की स्थापना की गई। इसके द्वारा कई गतिविधियां संचालित की जाती हैं।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद: इसे 1966 को नई दिल्ली में स्थापित किया गया। यह भारतीय भाषाओं का देशव्यापी संगठन है।

अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना: यह इतिहास के विद्वानों का 1973 में गठित संगठन है जो इतिहास, संस्कृति, परंपरा आदि क्षेत्रों में कार्य करता है।

विवेकानंद केंद्र: स्वामी विवेकानंद के विचारों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए इर्स हिंदू आध्यात्मिक संस्था की स्थापना 1972 में की गई।

नेशनल मेडिकोज एसोसिएशन: स्वास्थ्य सेवा के लिए इस संगठन से हजारों चिकित्सक जुड़े हैं।

राष्ट्र सेविका समिति: संघ की विचारधारा से प्रेरित होकर देश में महिलाओं के बीच काम करने के लिए इस संगठन की स्थापना लक्ष्मीबाई केलकर (मौसी जी) ने 1936 में की थी।

अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद: 1993 में सीमा पर देश की रक्षा का दायित्व निभा चुके पूर्व सैनिकों के लिए इस संगठन की स्थापना की गई।

अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ: शिक्षा के क्षेत्र में सुधार व नियामक संस्थाओं को शैक्षिक सुधार व उन्नयन के विचार देने के उद्देश्य के साथ बना संगठन।

भारतीय जनता पार्टी: डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ बनाया। 1980 में इसके सदस्यों ने भाजपा की स्थापना की।

सामाजिक समरसता मंच: इसके माध्यम से भेद रहित समाज बनाने के प्रयास किए जाते हैं। समाज के सभी लोगों में भेदभाव मिटाने की दिशा में यह कार्य करता है।

आरोग्य भारती: देश में स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने के विचार के साथ लोगों को स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह संगठन काम करता है।

प्रज्ञा प्रवाह: बुद्धिजीवी वर्ग के बीच राष्ट्रीयता के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य के साथ यह संगठन कार्य करता है।

भारतीय विचार केंद्र: यह एक सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान है। इसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम में है। इसकी स्थापना 1982 में पी परमेश्वरन ने की थी।

दधीचि देहदान समिति: देश के नागरिकों को देहदान के लिए प्रेरित करने की दिशा में इसका गठन किया गया है। यह लोगों को बताती है कि देहदान से कैसे बीमार लोगों को नया जीवन मिल सकता है।

विश्व विभाग: संघ द्वारा विश्व के 50 से अधिक देशों में विभिन्न सेवा कार्य किए जाते हैं। इनके समन्वय की जिम्मेदारी इस संगठन पर है।