दिल्ली में करीब आठ माह बाद कोरोना के मामले 10 हजार के आंकड़े को पार कर गए। इसके साथ पिछले 24 घंटे में 2239 मरीज ठीक हुए। वहीं आठ मरीजों की मौत हो गई। ये पिछले करीब छह माह (185 दिन) में 24 घंटे में मौत के सर्वाधिक मामले हैं।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के रोजाना रिकार्ड मामले सामने आ रहे हैं। इस कड़ी में 24 घंटे के दौरान 10,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। दिल्ली में करीब आठ माह बाद कोरोना के मामले 10 हजार के आंकड़े को पार कर गए। इसके साथ ही पिछले 24 घंटे में 2239 मरीज ठीक हुए। वहीं आठ मरीजों की मौत हो गई। ये पिछले करीब छह माह (185 दिन) में 24 घंटे में मौत के सर्वाधिक मामले हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो दिन में ही कोरोना से 11 मरीजों की मौत हो चुकी है व इस माह अब तक पांच दिनों में 14 मरीजों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़े बताते हैं कि कोरोना के मौजूदा बढ़ते संक्रमण को बहुत हल्के में लेना भारी भी पड़ सकता है।
एम्स में डाक्टरों समेत 150 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की चपेट में
दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बढ़ने से बड़े स्तर पर डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। एम्स में ही करीब 60 डाक्टरों सहित 150 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के दोनों अस्पतालों सहित कई अस्पतालों में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित हुए हैं। सफदरजंग में करीब 55 व आरएमएल में करीब 65 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
दिल्ली स्थित एम्स ट्रामा सेंटर को कोविड अस्पताल बनाए जाने पर रेजिडेंट डाक्टरों ने विरोध जताया। ट्रामा सेंटर के रेजिडेंट डाक्टरों ने विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम किया। वे ट्रामा सेंटर की जगह एम्स के किसी नए ब्लाक में कोरोना के मरीजों के इलाज की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। चार जनवरी को एम्स रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने एम्स प्रशासन को पत्र लिखकर ट्रामा सेंटर को कोविड अस्पताल नहीं बनाए जाने की मांग की थी। उनका कहना है कि ट्रामा सेंटर को कोविड अस्पताल बनाए जाने से हादसा पीड़ितों का इलाज और रेजिडेंट डाक्टरों का प्रशिक्षण भी प्रभावित होगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण एम्स प्रशासन ने ट्रामा सेंटर को दोबारा कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है।