
Bihar News संशोधित कानून में नगर निकायों के मुखिया का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने की व्यवस्था की गई है। नई व्यवस्था के तहत जनता मतदान के द्वारा सीधे मुख्य पार्षद उप मुख्य पार्षद का चुनाव करेगी।
बखरी (बेगूसराय): सरकार ने नगरपालिका एक्ट में किए गए संशोधन को राज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही यह कानून सूबे में लागू हो गया है। इस संशोधित कानून में नगर निकायों के मुखिया का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने की व्यवस्था की गई है। नई व्यवस्था के तहत जनता मतदान के द्वारा सीधे मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद का चुनाव करेगी। बिहार विधानमंडल द्वारा कानून में किए गए उक्त संशोधन को 13 जनवरी को राज्यपाल की स्वीकृति मिल गई है। सरकार की मंशा मुख्य पार्षद तथा उप मुख्य पार्षद के चुनाव में धन-बल के खेल को समाप्त करने की है, हालांकि सरकार की यह नेक सोच कितनी कारगर होगी, यह समय बताएगा। चूंकि चुनाव में धन-बल का खेल आम हो गया है, सिर्फ उसका क्षेत्र बदलता है।
नहीं सताएगा धन का खेल या अविश्वास की राजनीति
नए कानून के मुताबिक, जनता द्वारा चुने गए मुख्य एवं उप मुख्य पार्षद अपने पदों पर पांच वर्ष अर्थात पूरे कार्यकाल तक बने रहेंगे। इससे वे धन के खेल तथा पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाए जाने के तनाव से मुक्त रहेंगे। अब मुख्य या उप मुख्य पार्षद का पद मृत्यु, त्यागपत्र, बर्खास्तगी या अन्य यथोचित कारणों से ही रिक्त हो सकेगा। अधिनियम के अनुसार, लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने, अपने कर्तव्यों के निर्वहन में दुराचार का दोषी पाए जाने, कर्तव्यों के निर्वहन में शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम पाए जाने या किसी आपराधिक मुकदमे में अभियुक्त बनाए जाने पर छह महीने तक फरारी की स्थिति में ही राज्य सरकार विधि सम्मत तरीके से मुख्य या उप मुख्य पार्षद को उसके पद से हटा सकती है। ऐसे में जाहिर है मुख्य या उप मुख्य पार्षद के चुनाव में होने वाली हॉर्स ट्रेडिंग के खेल पर विराम लगेगा। हां, इससे पार्षदों में मायूसी बढे़गी। क्योंकि इन चुनावों में सबसे अधिक लाभान्वित वे ही होते रहे हैं। चुनाव में पक्ष-विपक्ष का खेल भी खत्म होगा तथा अपने समर्थकों के साथ देश-परदेश में घूमने और घुमाने की प्रथा पर भी विराम लगेगा।
जनता के बीच चर्चा में है उम्मीदवारों की लंबी कतार
नगरपालिका या पंचायत राज के नए अधिनियम के तहत 10 वर्षों के बाद आरक्षण
रोस्टर रोटेट होते हैं। बखरी नगर पंचायत अब नगर परिषद ने अपनी स्थापना के
बाद दो टर्म यानी 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इसलिए इस बार नगर परिषद का
चुनाव नए रोस्टर में होगा, हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अभी तक इस
तरह की कोई सूचना निर्गत नहीं है, इसलिए पुराने रोस्टर को ही मानकर सभी
उम्मीदवार अपनी तैयारी में जुट गए हैं। सभी जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज
करने के साथ-साथ उनके रुझानों का भी आंकलन कर रहे हैं। उम्मीदवारों की
कतार लंबी है। इनमें नगर के निवर्तमान पार्षदों के अलावा दूसरे उम्मीदवार
के भी अपनी किस्मत आजमाने की चर्चा हो रही है। संभावित उम्मीदवारों में
निवर्तमान मुख्य पार्षद गीता देवी कुशवाहा, पूर्व मुख्य पार्षद संगीता राय,
पार्षद नीरज नवीन, अशोक कुमार राय, सिधेश आर्य, बेबी केशरी, पिंकी देवी के
अतिरिक्त तुफैल अहमद खान, मो. फारूक, राजू सिंह, इंदिरा परमार, पप्पू साह,
बलराम स्वर्णकार आदि के चुनाव लड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।