को-वैक्सीन के बाद न लें पैरासिटामोल, विशेषज्ञों ने बताई ये बड़ी वजह, भारत बायोटेक ने भी वेबसाइट पर किया पोस्ट

 


Bareilly Teenager Vaccination : कोरोनारोधी अन्य वैक्सीन में पैरासिटामोल की आवश्यकता होती है, कोवैक्सीन में नहीं।

 15 से 18 आयु वर्ग के किशोरों को कोवैक्सीन लगाने के बाद कुछ केंद्रों पर दी जा रही पैरासिटामोल का सेवन करने से परहेज करें। विशेषज्ञों की माने तो इससे किशोर एवं किशोरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है।

बरेली : 15 से 18 आयु वर्ग के किशोरों को कोवैक्सीन लगाने के बाद कुछ केंद्रों पर दी जा रही पैरासिटामोल का सेवन करने से परहेज करें। विशेषज्ञों की माने तो इससे किशोर एवं किशोरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। कोवैक्सीन बनाने वाले कंपनी भारत बायोटेक के सीएमडी डा. कृष्णा इल्ला एवं डा. सुचित्रा इल्ला की ओर से भारत बायोटेक की आधिकारिक वेबसाइट पर एक पोस्ट करके यह सूचित किया गया कि बीते दिनों में उनके पास सूचनाएं पहुंची हैं कि बच्चों को पैरासिटामोल की 500 एमजी की टेबलेट दिन में तीन बार तीन दिन के लिए दी जा रही है। उन्होंने बताया कि 30 हजार बच्चों पर इसका ट्रायल करने के बाद कुछ बच्चों में मामूली दर्द या शरीर के तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी होने के लक्षण लगे। उन्होंने बताया कि कोरोनारोधी अन्य वैक्सीन में पैरासिटामोल की आवश्यकता होती है, कोवैक्सीन में नहीं।

वैक्सीन के बाद पैरासिटामोल लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ सकता है असरः वैक्सीन विज्ञान के पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. अतुल कुमार अग्रवाल ने बताया कि किल्ड वैक्सीन जब मांसपेशी में दी जाती है। तब मांसपेशी में उपस्थित लाखों डेंड्राइटिक सेल्स एक्टीवेट हो जाते हैं और वहां पर शरीर की इम्युनटी प्रदान करने वाले सेल्स तेजी के साथ एकत्र होते हैं। इसके साथ ही वह इम्युनिटी प्रदान करने वाले तत्व बनाते हैं। इस प्रक्रिया में इंजेक्शन लगाने के स्थान पर मामूली दर्द और सूजन हो जाती है। पैरासिटामोल इस प्रक्रिया में बाधक बनता है। इस वजह से वैक्सीन की इम्युनिटी प्रदान करने की क्षमता भी बाधित हो जाती है। इस वजह से पैरासिटामोल नहीं देना चाहिए।

होम आइसोलेशन में हैं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल : कोरोना संक्रमित हुए भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं कैंट विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेश अग्रवाल होम आइसोलेशन में हैं। वह मंगलवार कोरोना संक्रमित हो गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जन विश्वास यात्रा के दौरान भी वह उनके साथ रहे थे। इसके बाद उन्होंने जन समस्याओं का निस्तारण भी किया। जहां वह काफी लोगों के संपर्क में आये थे।

स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके संपर्क में आने वालों की डिटेल चेक कर रही है। कैंट विधायक राजेश अग्रवाल ने मोबाइल से हुई बातचीत में बताया कि मौसम के बदलाव के साथ ही तबीयत थोड़ी नासाज लगी थी। इस वजह से दवाई लेने के साथ ही कोरोना टेस्ट भी करा लिया था। अब उन्हें कोई लक्षण नहीं हैं। उम्मीद है जल्द ही स्वस्थ होकर काम पर लौटेंगे।

जन विश्वास यात्रा से पहले भी कराया गया था टेस्ट : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बरेली में जन विश्वास यात्रा के दौरान आगमन पर उनके साथ रहने वाले पार्टी पदाधिकारियों, सुरक्षा में लगे अफसर एवं प्रशासनिक अफसरों का कोरोना टेस्ट हुआ था। तब राजेश अग्रवाल ने भी टेस्ट कराया था, जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसे में

यह स्पष्ट हो गया है कि वह संक्रमित जन विश्वास यात्रा के दौरान या फिर उसके बाद ही हुए हैं।