बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे पर आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हर तरह से समर्थन देने की षोषणा की है तो जेडीयू ने भी इसका स्वागत किया है। पढ़ें जातीय जनगणनना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लालू प्रसाद यादव के साथ की इनसाइड स्टोरी।
पटना, आनलाइन डेस्क। बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे पर सियासत यू-टर्न लेता दिख रहा है। इसपर जनता दल यूनाइटेड के स्टैंड को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी का समर्थन नहीं मिल रहा है, लेकिन विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल समर्थन में खड़ा दिख रहा है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जेडीयू को 'हर तरह से' समर्थन देने का ऐलान किया है, जिसका जेडीयू ने स्वागत किया है। ऐसे में यह सवाल फिर खड़ा हो गया है कि क्या बिहार के दो बड़े सियासी दुश्मन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक मंच पर आने की भूमिका बना रहे हैं? हालांकि, इसपर जेडीयू मौन है तो बीजेपी ने ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है।
आरजेडी ने जेडीयू व नीतीश को कही ये बात
विदित हो कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने गुरुवार को जातीय जनगणना को बिहार के लिए जरूरी बताया था। कहा था कि जातीय जनगणना नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में पिछड़े लोग कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। जगदानंद सिंह ने कहा कि अगर बीजेपी जातीय जनगणना से पीछे हटती है तो नीतीश कुमार को विरोध कर रहे मंत्रियों को बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर अगर सरकार पर कोई सवाल खड़ा होता है तो आरजेडी साथ है।
जातीय जनगणना के मुद्दे पर एनडीए दो-फाड़
स्पष्ट है, बिहार में जातीय जनगणना को लेकर हो रही सियासत ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। जातीय जनगणना के मुद्दे पर एनडीए दो-फाड़ दिख रहा है। बीजेपी ने देश में जातीय जनगणना के खिलाफ है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू इसकी मांग कर रहा है। जातीय जनगणना की मांग आरजेडी लंबे समय से करता आ रहा है। बिहार में बीजेपी छोड़ सत्ताधारी व विपक्षी सभी प्रमुख दल इसके समर्थन में हैं। खास बात यह है कि आरजेडी ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार को हर तरह से समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
जेडीयू ने आरजेडी की घोषणा का किया स्वागत
जातीय जनगणना के मुद्दे पर जेडीयू को आरेडी के हर तरह से समर्थन के ऐलान के बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि अन्य सभी राजनीतिक दलों को भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ देना चाहिए, क्योंकि यह जनता की मांग है। कुशवाहा ने यह भी कहा है कि आरजेडी ने पहले भी इस मुद्दे पर साथ दिया है, एक बार फिर साथ देने की घोषणा के लिए जगदानंद सिंह को धन्यवाद। कुशवाहा ने यह चेतावनी भी दी कि जो दल जातीय जनगणना में साथ नही देंगे, जनता उन्हें सबक सिखाएगी। बीजेपी ने इस मामले में अभी तक विरोध प्रकट नहीं किया है। जो भी हो नीतीश कुमार इस मुद्दे पर पीछे हटने वाले नहीं हैं। अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराएगी।
बीजेपी के साथ संबंध पर पुनर्विचार करें मुख्यमंत्री
जगदानंद सिंह के बयान में इशारा स्पष्ट था। इसके बाद आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार के विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन के साथ आ जाना चाहिए। बीजेपी की नीतियों के कारण बिहार का विकास बाधित हो रहा है। आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने भी कहा कि जातिगत जनगणना और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए बगैर राज्य का भला नहीं हो सकता है। नीतीश कुमार को बिहार का विकास बाधित कर रही बीजेपी के साथ पर पुनर्विचार करना चाहिए।
पीएम बनें नीतीश कुमार, तेजस्वी को बनाएं सीएम
इसके पहले दिसंबर 2020 में बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी और विजय प्रकाश ने जेडीयू को विपक्ष के साथ आने का न्योता दिया था। अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के विधायकों को बीजेपी द्वारा तोड़ लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए दोनों नेताओं ने कहा था कि नीतीश कुमार खुद प्रधानमंत्री बनें और तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं। इसके पहले अक्टूबर 2020 में विधानसभा उपचुनाव के समय आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पटना आने के साथ कहा था कि उपचुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी। इसके बाद भगदड़ मचेगी। हालांकि, विधानसभा उपचुनाव में आरजेडी की हार के बाद इसपर आगे बात नहीं हुई।
आरजेडी के आफर पर बीजेपी ने भी किया पलटवार
नीतीश कुमार को अपने पाले में करने के आरजेडी के आफर पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी के प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा है कि जिस तरह से नीतीश कुमार को आरजेडी ने अपमानित किया है, वे उसके साथ नहीं जाएंगे। आरजेडी ने विधानसभा चुनाव में ताकत लगाकर देख लिया है। उसमें असफल होने के बाद अब वह नीतीश कुमार को अपने पाले में करना चाहता है, लेकिन काठ की हांडी दोबारा नहीं चढ़ती है। तेजस्वी यादव सपने देखना बंद करें। प्रेमरंजन पटेल ने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार के विकास के लिए 1:25 लाख करोड़ का विशेष पैकेज दिया है, साथ ही पिछली सरकार की बकाया राशि भी दी। केंद्र सरकार बिहार के विकास के लिए लगातार राशि दे रही है।
नीतीश को पक्ष-विपक्ष का साथ, गरमाई सियासत
जो भी हो, बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत गर्म है। इस मुद्दे पर बीजेपी अलग स्टैंड पर दिख रही है तो नीतीश कुमार को पक्ष-विपक्ष के सभी प्रमुख दलों का साथ मिल रहा है। ऐसे में आरजेडी के आफर, जेडीयू द्वारा उसके स्वागत तथा हां, बीजेपी के एनडीए की एकजुटता के दावे के बीच बिहार की राजनीति में आगे क्या होगा, फिलहाल कहा नहीं जा सकता।