इमरान सरकार के मुसीबत बना गैस संकट, पाकिस्तान में LPG की खपत को पूरा करने के लिए संघर्ष जारी

 


पाकिस्तान में LPG की खपत को पूरा करने के लिए जारी संघर्ष

पाकिस्तान में घरेलू और ओद्योगिक गैस की खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र 70 प्रतिशत प्राकृतिक गैस का उत्पादन करता है। 2011 में संवैधानिक उपायों के कार्यान्वयन से ही पाकिस्तान गैस संकट से उबर सकता है।

इस्लामाबाद,एएनआइ। पाकिस्तान में लोगों को घरेलू और औद्योगिक गैस की खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सर्दियों के दौरान पाकिस्तान के घरों और औद्योगिक संस्थानों में गैस की खपत काफी बढ़ जाती है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र देश की 70 प्रतिशत प्राकृतिक गैस का उत्पादन करता है। न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार पिछले साल जून 2021 के तीसरे हफ्ते में सुई सदर्न गैस कंपनी (एसएसजीसी) ने कराची में विभिन्न उद्योग कंपनियों को अनिश्चित काल के लिए गैस की सप्लाई करना बंद कर दिया था। इससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया था।

2008 में भी छाया था गैस संकट

न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि 2008 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार को देश में बड़ी मात्रा में गैस की काफी को लेकर मुसिबतों का सामना करना पड़ा था, जिससे देश में लोगों को भी काफी परेशानी हुई थी। हालाकि बाद में सरकार ने संसद के विश्वास गैस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (जीआईडीसी) एक्ट 2011 के माध्यम से दूर किया था। जीआईडीसी एक्ट 2011 को जीआईडीसी एक्ट 2015 में बदले हुए एक अरसा बीत गया है। यह एक्ट निर्धारित करता है कि इकट्ठा किए हुए उपकर का इस्तेमाल ईरान-पाकिस्तान(आईपी), तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (टीएपीआई) गैस पाइपलाइन परियोजनाओं, एलएनजी या अन्य सहायक परियोजनाओं पर केवल संघीय सरकारों द्वारा ही इस्तेमाल किया जा सकता है। 

विभिन्न गैस परियोजनाओं की क्या है कीमत

आईपी ​​गैस पाइपलाइन की अनुमानित लागत 271 अरब, तापी की 31 अरब, उत्तर दक्षिण गैस पाइपलाइन की 20 अरब और भूमिगत गैस भंडारण परियोजना की लागत 75 अरब बताई गई है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 30 जून 2019 तक उपकर के बदले 2.95 मिलियन रुपये इकट्ठा किए गए थे। जुलाई 2020 में इकट्ठा उपकर की राशि 307 बिलियन रुपये थी। इसमें एक हैरानी की बात यह है कि 2015 के बाद से पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण में जीआईडीसी परियोजनाओं का कोई जिक्र नहीं है।

गैस की पूरा करने के लिए प्रयासरत इमरान सरकार

इससे पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सरकार ने कतर से एलएनजी आयात करके देश में गैस की कमी को पूरा किया था। इसके अलावा पीटीआई सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने स्वीकार किया कि वह पिछली सरकार की नीति का पालन कर रही है। पाकिस्तान अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण 2019-2020 के 14वें अध्याय में पीटीआई ने साफ तौर पर कहा है कि देश में गैस की कमी को पूरा करने के लिए मौजूदा सरकार ने एलएनजी के आयात की पहल की है। न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार 2011 में संवैधानिक उपायों के कार्यान्वयन से ही पाकिस्तान को गैस संकट से उबरने में मदद मिल सकती है।