बैंककर्मी के साथ एक फर्जीवाड़ा ऐसा भी, तरीका जानकर रह जाएंगे दंग, खाते से निकल गए 11.62 लाख रुपये

 

उत्तरी जिले के साइबर सेल थाने में एसबीआइ के कर्मी की शिकायत पर दर्ज हुई एफआइआर

31 जनवरी को उन्हें एक ही ईमेल आइडी से दो मेल आए। उक्त मेल बताया गया कि उनका इस शाखा में खाता है। उनके चेक बुक खत्म हो गए हैं। ऐसे में मेल में दिए गए दो बैंक खाता नंबरों में 719284 और 443144 रुपये तुरंत भेज दें।

नई दिल्ली surender Aggarwal । ठग अब अपना तरीका बदलकर सीधे लोगों के बैंक खाते को अपना बताकर ठगी की वारदात कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तरी जिले के साइबर सेल थाने में दर्ज किया गया है। इसमें पुलिस ने स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) के कर्मी की शिकायत पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।

जानकारी के अनुसार राजीव कुमार सिंह सदर बाजार स्थित एसबीआइ की शाखा में बतौर सेवा प्रबंधक कार्यरत हैं। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि 31 जनवरी को उन्हें एक ही ईमेल आइडी से दो मेल आए। उक्त मेल बताया गया कि उनका इस शाखा में खाता है। उनके चेक बुक खत्म हो गए हैं। ऐसे में मेल में दिए गए दो बैंक खाता नंबरों में 7,19,284 और 4,43,144 रुपये तुरंत भेज दें। इसके बाद उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम नरेंद्र सिंह बताया, इसी नाम से शाखा में खाता भी है।

उसने कहा कि वह दिल्ली से अभी बाहर हैं, उन्हें दो लोगों को उक्त राशि देनी है। इस पर राजीव ने कहा कि पैसे भेजने के लिए बैंक आना होगा। इस पर उक्त नरेंद्र सिंह राजीव पर नाराज हो गया और बोला कि यदि पैसे नहीं भेजे तो वह उनकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों कर देगा। ऐसे में दबाव में आकर राजीव ने उक्त दोनों बैंक खातों में पैसे भेज दिए।

दूसरे का खाता अपना बताकर दिया वारदात को अंजाम

घटना के अगले दिन नरेंद्र सिंह ने बैंक में आकर बताया कि उनके खातों से 11.62 लाख रुपये फर्जी तरीके से दो अलग-अलग बैंक खातों में भेज दिए गए हैं। इस पर जांच की गई तो पता चला कि उक्त ईमेल आइडी और मोबाइल नंबर नरेंद्र सिंह का नहीं था।

किसी ने फर्जी तरीके से नरेंद्र सिंह के खाते को अपना बताकर पैसे दूसरे के खातों में भिजवाया है। मामले में फिलहाल पुलिस यह पता लगा रही है कि नरेंद्र सिंह के बैंक खातों की जानकारी ठगों के पास कैसे पहुंची। इसके साथ ही पुलिस जिस बैंक खातों में पैसे भेजे गए हैं, उनकी जानकारी जुटा कर आरोपितों का पता लगा रही है।