ड्रग्स तस्करी के मामले में साल 2014 से जेल में बंद था आरोपित, हाईकोर्ट ने दी जमानत और की गंभीर टिप्पणी, पढ़िए पूरा मामला

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की लंबी कैद को सही नहीं ठहराया जा सकता है।

अदालत ने आरोपित अनिल कुमार मार्च 2014 से एक ऐसे अपराध के लिए जेल में है जिसमें न्यूनतम दस साल की कैद की सजा हो सकती है। यह एक अभियुक्त के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार और त्वरित सुनवाई के अधिकार का घोर उल्लंघन है।

नई दिल्ली A.k.Aggarwal। ड्रग्स तस्करी के मामले में सात साल दस महीने से जेल में बंद आरोपित को जमानत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अदालतों को यह ध्यान रखना चाहिए कि त्वरित सुनवाई के आश्वासन के बिना व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना संविधान में निहित सिद्धांतों का उल्लंघन है। त्वरित सुनवाई का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 का एक आंतरिक हिस्सा है और यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी विभिन्न निर्णयों में संवैधानिक अधिकार के रूप में इसके महत्व को बार-बार रेखांकित किया है।

पीठ ने कहा कि अदालत ने आरोपित अनिल कुमार मार्च 2014 से एक ऐसे अपराध के लिए जेल में है, जिसमें न्यूनतम दस साल की कैद की सजा हो सकती है। यह एक अभियुक्त के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार और त्वरित सुनवाई के अधिकार का घोर उल्लंघन है। पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता को बरी कर दिया जाता है, तो यह उसके जीवन के आठ साल की एक अपूरणीय क्षति होगी जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है।

याचिकाकर्ता की लंबी कैद को सही नहीं ठहरा सकता है। पीठ ने कहा कि अदालत का मानना है कि कानून के समक्ष सार्वभौमिक समानता की उपलब्धि के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सिद्धांतों को समान परिस्थितियों वाले सभी व्यक्तियों पर लागू करने की आवश्यकता होती है। इसे तब तक प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार न हो। इसने कहा कि मुकदमे में अत्यधिक देरी और लंबी न्यायिक हिरासत के कारण वह व्यक्ति रिहाई का हकदार था।

अनिल कुमार को वर्ष 2014 में करोल बाग इलाके में ड्रग्स की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। उसने दलील दी कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है। वह एक कार चालक था और सात साल दस महीने से जेल में है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वह घर में कमाने वाला अकेला व्यक्ति था।